एक 28 वर्षीय यकृत सिरोसिस रोगी विनय चावला, जो एक अस्पताल सलाहकार रेवती के साथ संबंध बनाता है, जीवन में उसकी आशा और विश्वास को फिर से जगाता है और उसे मानवता की शक्ति में विश्वास दिलाता है.एक 28 वर्षीय यकृत सिरोसिस रोगी विनय चावला, जो एक अस्पताल सलाहकार रेवती के साथ संबंध बनाता है, जीवन में उसकी आशा और विश्वास को फिर से जगाता है और उसे मानवता की शक्ति में विश्वास दिलाता है.एक 28 वर्षीय यकृत सिरोसिस रोगी विनय चावला, जो एक अस्पताल सलाहकार रेवती के साथ संबंध बनाता है, जीवन में उसकी आशा और विश्वास को फिर से जगाता है और उसे मानवता की शक्ति में विश्वास दिलाता है.