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Songs26 Aug

The document appears to be a list of songs by various singers including Jagjeet Singh, Rafi, Gulam Ali, Hariharan, Farida Khanum, and others. It includes the song name and page number. The summary focuses on Jagjeet Singh who is listed multiple times as singing songs on pages 35-50. The summary extracts 3 lines from one of his songs about not being able to live without meeting his beloved and asking God not to separate them.

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S no. Singer Song Page S no.

Singer Song Page


No No
1 Jagjeet वो दिल ही क्या 35
2 Jagjeet किया है प्यार जिसे 36
3 Jagjeet हम तो है परदे श में 37
4 Jagjeet कल चौदहवीं की रात थी 38
5 Jagjeet तेरे आने की जब खबर 39
6 Jagjeet तुम इतना जो मुस्कुरा 40
7 Jagjeet अब के बरसात की 41
8 Jagjeet मझ
ु से मिलने के वो 42
9 Jagjeet चिट्ठी न कोई संदेश 43
10 Jagjeet मैं नशे में हु 44
11 Jagjeet मझु को पता है सच 45
12 Jagjeet ये दौलत भी ले लो 46
13 Jagjeet आहिस्ता 47
14 Jagjeet शोला हूं 48
15 Jagjeet प्यार का पहला ख़त 49
16 Jagjeet होते से छू लो तम
ु 50 Gulam Ali चप
ु के चप
ु के रात दिन
17 Jagjeet तेरी खुशबू में बसे खत 51 Gulam Ali हम तेरे शहर में आए है
18 Jagjeet तुमने बदले हम से गिन 52 Gulam Ali खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में
19 Jagjeet Kabhi yu bhi to 53 Gulam Ali हं गामा है क्यों बरपा
20 Jagjeet 54 Gulam Ali ये दिल पागल दिल मेरा
21 Jagjeet 55 Gulam Ali हमको किस के गम ने मारा
22 Jagjeet 56 Gulam Ali में नजर से पी रहा हू
23 Jagjeet 57
24 Jagjeet 58
25 Jagjeet 59
26 Jagjeet 60 Hariharan सहर दर सहर लिए फिरता हूं
27 Jagjeet 61 Hariharan जब कभी बोलना वक्त पर बोलना
28 Jagjeet 62 Hariharan झोंका हवा का आज भी
29 Jagjeet 63 Hariharan Tu hi re
30 Jagjeet 64
31 Jagjeet 65 Farida आज जाने की जिद A
32 Jagjeet 66 शीतल मंजुल कोमल तेरा आंचल
33 Jagjeet 67
34 Jagjeet 68
S no. Singer Song Page S no. Singer Song Page

Public
1 Rafi आज कल तेरे मेरे प्यार 35 Kishor छूकर मेरे मन को
2 Rafi तुम जो मिल गए हों 36 Kishor दीवाना लेके आया है
3 Rafi दीवाना हुआ बादल 37 Kishor मेरे एहबूब कयामत होगी
4 Rafi ये चांद सा रोशन चेहरा 38 Kishor कही दरू जब दिन ढल जाए
5 Rafi इस रं ग बदलती दनि
ु या 39 Kishor दिए जलते है , फूल खिलते है
6 Rafi तम्
ु हारा इंतजार है 40 Kishor रात काली एक ख्वाब में आई
7 Rafi Ik Haseen Shamm 41 Kishor पल पल दिल के पास
8 Rafi पक
ु ारता चला हुं Cm 42 Kishor चला जाता हुं किसी की धन
ु में
9 Rafi लाखो है निगाह में 43 Kishor ओ मांझी रो
10 Rafi 44 Kishor किस मोड़ से जाते है
11 Rafi 45 Kishor हम बेवफा हरगिज न थे
12 Rafi 46 Kishor हमे तम
ु से प्यार कितना
13 Rafi 47 Kishor तुम आ गए हो नूर आ गया है
14 Rafi 48 Kishor ये शाम मस्तानी
15 Rafi 49 Kishor एक लड़की भीगी भागी सी
16 Rafi 50 Kishor चेहरा है या चांद खिला है
17 51 Kishor तेरे मेरे मिलन की ये रै ना
18 52 Kishor दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल,
19 53 Kishor मीत न मिला मन का
20 54 Kishor ये शाम मस्तानी
21 55 Kishor प्यार दीवाना होता है
22 56 Kishor जिन्दगी के सफर में गुजर जाते है
23 57 Kishor हो मेरे दिल के चैन
24 58 Kishor फिर वोही रात है
25 59 Kishor में हूं झूम झूम झुमरू
26 60 Kishor मेरे सामने वाली खिड़की में
27 61 Kishor कहना है कहना है आज तुमसे
28 62 Kishor
29 63 Kishor
30 64 Kishor
31 65 Kishor
32 66 Kishor
33 67 Kishor
34 68 Kishor

S Singer Song Page S Singer Song Page


no. No no. No
1 Mukesh Sab Kuch Seekha 35 जहनाशी जहनशी

Public
2 किसी की मुस्कुराहटों पे 36 महबूबा महबूबा
हो निसार Cm ,Fm, B
3 सह
ु ाना सफर और ये 37 जग
ु नी केहं दी आई
4 Dost Dost Na Raha 38
5 Awara Hu 39 ये क्या जगह है दोस्तो
6 40 जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में
7 41 दिल चीज क्या है आप मेरी
8 42 Yeshudas जब दीप जले आना
9 43 Yeshudas कहा से आए बदरा
10 44 Yeshudas मना हो तमु बेहद हं सी
11 45 Yeshudas Surmayi Ankhiyo me
12 46 यही वो जगह है यही वो फिजाएं
13 47 तड़प तड़प के इस दिल से आह
14 48 कितने अजीब रिश्ते है यह पे
15 49 आओगे जब तुम ओ साजना
16 50 बड़ी लंबी जुदाई
17 51 यारा सिली सिली
18 52 Kabban आई जंजीर की झंकार D, A, G
Mirza
19 53 Mohit गुंचा कोई
20 54 Na hai ye Pana
21 55 Abhi Kuch Dino se
22 56
23 57 Kailash Chowk Purao
24 58 Pyar Hai Ya saza
25 59 Toota Toota Ek Parinda
26 60
27 61
28 62 Kumar Shanu सोचें गे तुम्हे प्यार करे के नही
29 63 सांसों की जरूरत हो जैसे
30 64 अब तेरे बिन जी लेंगे हम
31 65
32 66
33 67
34 68

Jagjeet Singh

वो दिल ही क्या ,तेरे मिलने की जो

Public
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दआ
ु न करे , मैं तुझको भल
ू के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे

रहे गा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर, ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में , ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे

सुना है उसको मोहब्बत दआ


ु यें दे ती है , जो दिल पे चोट तो खाये मगर गिला न करे

ज़माना दे ख चुका है परख चुका है उसे , "क़तील" जान से जाये पर इल्तजा न करे

किया है प्यार जिसे हमने जिंदगी की तरह - क़तील शिफ़ाई


किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह, वो आशना (आशना = मित्र, दोस्त,) भी मिला हमसे अजनबी की तरह

किसे ख़बर थी बढ़े गी कुछ और तारीक़ी (तारीक़ी = अन्धकार, अँधेरा), छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह

बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया, वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह (मुरव्वत = संकोच, लिहाज)

सितम तो ये है के वो भी ना बन सका अपना, क़ुबूल हमने किये जिसके ग़म ख़ुशी की तरह

कभी न सोचा था हमने 'क़तील' उस के लिये, करे गा हमपे सितम वो भी हर किसी की तरह

हम तो है परदे श में दे श में ( Rahi Masoom Raja )

हम तो हैं परदे स में , दे स में निकला होगा चांद, अपनी रात की छत पर, कितना तनहा होगा चांद

जिन आँखों में काजल बनकर, तैरी काली रात, उन आँखों में आँसू का इक, कतरा होगा चांद

रात ने ऐसा पेंच लगाया, टूटी हाथ से डोर, आँगन वाले नीम में जाकर, अटका होगा चांद

Public
चांद बिना हर दिन यूँ बीता, जैसे युग बीते, मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चांद

कल चौदहवीं की रात थी ( Ibre Insha )

कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा, कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा।

हम भी वहीं मौजद
ू थे, हम से भी सब पछ
ू ा किए ||हम हँस दिए, हम चप
ु रहे , मंज़रू था परदा तेरा।

इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटी महिफ़लें ||हर शख़्स तेरा नाम ले, हर शख़्स दीवाना तेरा।

कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जाएँ मगर ||जंगल तेरे, पर्वत तेरे, बस्ती तेरी, सहरा तेरा।

तू बेवफ़ा तू मेहरबाँ हम और तुझ से बद-गम


ु ाँ ||हम ने तो पूछा था ज़रा ये वक्त क्यूँ ठहरा तेरा।

हम पर ये सख़्ती की नज़र हम हैं फ़क़ीर-ए-रहगज़


ु र || रस्ता कभी रोका तेरा दामन कभी थामा
तेरा।

दो अश्क जाने किस लिए, पलकों पे आ कर टिक गए ||अल्ताफ़ की बारिश तेरी अक्राम का दरिया
तेरा।

हाँ हाँ, तेरी सूरत हँसी, लेकिन तू ऐसा भी नही|| इस शख़्स के अश‍आर से, शोहरा हुआ क्या-क्या
तेरा।

बेशक, उसी का दोष है , कहता नहीं ख़ामोश है ||तू आप कर ऐसी दवा बीमार हो अच्छा तेरा।

बेदर्द, सन
ु नी हो तो चल, कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल ||आशिक़ तेरा, रुसवा तेरा, शायर तेरा,
'इन्शा' तेरा।

तेरे आने की जब खबर महके (Lyrics: Dr. Nawaz Dewbandi)तेरे आने की जब


ख़बर महके || तेरे खश्ु बू से सारा घर महके,

Public
शाम महके तेरे तसव्वुर से || शाम के बाद फिर सहर महके,
रात भर सोचता रहा तझ
ु को ||ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके,
याद आए तो दिल मुनव्वर हो ||दीद हो जाए तो नज़र महके,
वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे ||वो ज़मीं महके वो शजर महके,

अब के बरसात की रूट और भी Movie/Album: समवन समवेयर (1990), Lyrics By:


मुज़फ़्फ़र वारसी

अब के बरसात की रुत और भी भड़कीली है ||जिस्म से आग निकलती है , क़बा गीली है

सोचता हूँ के अब अंजाम-ए-सफ़र क्या होगा|| लोग भी काँच के हैं, राह भी पथरीली है

पहले रग-रग से मेरी ख़न


ू निचोड़ा उसने|| अब ये कहता है के रं गत ही मेरी पीली है

मुझ को बे-रं ग ही कर दे न कहीं रं ग इतने|| सब्ज़ मौसम है , हवा सुर्ख़, फ़िज़ा नीली है

मझ
ु से मिलने के वो करता था -सीमाब अकबराबादी

मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने ||अब गुज़ारे गा मेरे साथ ज़माने कितने

मैं गिरा था तो बहुत लोग रुके थे लेकिन ||सोचता हूँ मझ


ु े आए थे उठाने कितने

जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है || सोचते होंगे यही बात न जाने कितने

तुम नया ज़ख़्म लगाओ तुम्हें इस से क्या है || भरने वाले हैं अभी ज़ख़्म पुराने कितने

चिट्ठी न कोई संदेश


चिठ्ठी ना कोई सन्दे श , हो चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
जाने वो कौनसा दे श जहाँ तम
ु चले गए

Public
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
जाने वो कौन सा दे श जहाँ तम
ु चले गए
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
जाने वो कौन सा दे श जहाँ तम
ु चले गए
जहाँ तम
ु चले गए

इस दिल पे लगा के ठे स, जाने वो कौनसा दे श


जहाँ तुम चले गए

एक आह भरी होगी हमने ना सुनी होगी , जाते जाते तुमने आवाज़ तो दी होगी
हर वक़्त येही है ग़म, उस वक़्त कहाँ थे हम , कहाँ तम
ु चले गए
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श

हर चीज़ पे अश्कों से लिखा है तुम्हारा नाम , ये रस्ते घर गलियाँ तुम्हे कर ना सके सलाम
है दिल में रे ह गयी बात, जल्दी से छुड़ा कर हाथ, कहाँ तम
ु चले गए
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श

अब यादों के कांटे इस दिल में चुभते हैं , ना दर्द ठे हे रता है ना आंसूं रुकते हैं
तुम्हे ढूंड रहा है प्यार, हम कैसे करें इकरार, कहाँ तुम चले गए
चिठ्ठी ना कोई

मैं नशे में हु Movie/Album: अ जर्नी (1999), Lyrics By: शहीद कबीर ,

ठुकराओ या अब के प्यार करो , मैं नशे में हूँ


जो चाहो मेरे यार करो, मैं नशे में हूँ

अब भी दिला रहा हूँ यकीन-ऐ-वफ़ा मगर , मेरा ना एतबार करो


मैं नशे में हूँ...

गिरने दो तुम मुझे, मेरा साग़र संभाल लो, इतना तो मेरे यार करो
मैं नशे में हूँ...

Public
मुझको कदम-कदम पे भटकने दो वाइज़ों, तुम अपना कारोबार करो
मैं नशे में हूँ...

फ़िर बेखुदी में हद से गुज़रने लगा हूँ मैं, इतना ना मुझसे प्यार करो

मैं नशे में हूँ...

ये दौलत भी ले लो, Movie/Album: आज (1985), Lyrics By: सुदर्शन फाकिर

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो


भले छीन लो मझ
ु से मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी

मुहल्ले की सबसे पुरानी निशानी


वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियों का डेरा
वो चेहरे की झुर्रि यों में सदियों का पहरा
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें , वो लंबी कहानी

कड़ी धूप में अपने घर से निकलना


वो चिड़िया, वो बल
ु बल
ु , वो तितली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी पे लड़ना-झगड़ना
वो झूलों से गिरना, वो गिर के संभलना
वो पीतल के छल्लों के प्यारे से तोहफ़े
वो टूटी हुईं चूड़ियों की निशानी

कभी रे त के ऊँचे टीलों पे जाना


घरौंदे बनाना, बना के मिटाना

Public
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों-खिलौनों की ज़ागीर अपनी
ना दनि
ु या का ग़म था, ना रिश्तों के बन्धन
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िन्दगानी

आहिस्ता
Movie/Album: द अनफर्गेटे बल्स (1977), दीदार-ए-यार (1982)
Music By: जगजीत सिंह, लक्ष्मीकांत-प्यारे लाल
Lyrics By: अमीर मीनाई
Performed By: जगजीत सिंह, किशोर कुमार, लता मंगेशकर

सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब


आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब

जवाँ होने लगे जब वो


तो हमसे कर लिया पर्दा
हया यकलख़्त आई और शबाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब

शब-ए-फ़ुर्क़ त का जागा हूँ


फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब

सवाल-ए-वस्ल पर उनको
अद ू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठों से दे ते हैं जवाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब

**हमारे और तम्
ु हारे प्यार में
बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है
उधर आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब

Public
वो बेदर्दी से सर काटे *मेरा /**अमीर
और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता
जनाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब...

* केवल "दीदार-ए-यार" में शामिल


** केवल "द अनफर्गेटे बल्स" में शामिल

शोला हूं -मज़


ु फ़्फ़र वारसी

शोला हूँ भड़कने की गज़


ु ारिश नहीं करता, सच मंह
ु से निकल जाता है कोशिश नहीं करता

गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ लेकिन, चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश (परस्तिश = पज
ू ा, आराधना) नहीं
करता

माथे के पसीने की महक आये ना जिस से, वो ख़न


ू मेरे जिस्म में गर्दिश (गर्दिश = घुमाव, चक्कर)
नहीं करता

हम्दर्दी-ए-अहबाब से डरता हूँ 'मज़


ु फ़्फ़र', मैं ज़ख़्म तो रखता हूँ नम
ु ाइश नहीं करता

[(अहबाब = स्वजन, दोस्त, मित्र), (हम्दर्दी-ए-अहबाब = दोस्तों की सहानुभूति), (नुमाइश = दिखावट,


प्रदर्शन, दिखावा)]

प्यार का पहला ख़त लिखने, Movie/Album: फेस टू फेस (1994), Lyrics By: हस्ती

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है , नए परिंदो को उड़ने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...

जिस्म की बात नहीं थी, उनके दिल तक जाना था, लम्बी दरू ी तय करने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...

Public
गाँठ अगर लग जाये तो , फ़िर रिश्ते हों या डोरी , लाख़ करें कोशिश खल
ु ने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...

हमने इलाज-ए-जख़्में दिल तो, ढूँढ लिया लेकिन , गहरे जख्मों को भरने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...

होते से छू लो तुम, Album/Movie: आवाज़/प्रेम गीत (1981), Lyrics By: इन्दीवर

होंठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो


बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो

ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन


जब प्यार करे कोई, तो दे खे केवल मन
नयी रीत चलाकर तम
ु , ये रीत अमर कर दो

आकाश का सन
ू ापन, मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम, आ जाओ जीवन में
सांसें दे कर अपनी, संगीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तुम...

जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा


सब जीता किये मुझसे, मैं हरदम ही हारा
तुम हार के दिल अपना, मेरी जीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तम

तेरी खश
ु बू में बसे खत में , Movie/Album: अर्थ (1983),Lyrics By: राजिंदरनाथ रहबर

तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त, मैं जलाता कैसे , प्यार में डूबे हुये ख़त, मैं जलाता कैसे

Public
तेरे हाथों के लिखे ख़त, मैं जलाता कैसे

जिनको दनि
ु या की निगाहों से छुपाये रखा , जिनको इक उम्र कलेजे से लगाये रखा
दीन जिनको, जिन्हें ईमान बनाये रखा
तेरे खश
ु बू में बसे ख़त...

जिनका हर लफ़्ज़ मुझे याद था पानी की तरह , याद थे मुझको जो पैग़ाम-ए-ज़ुबानी की तरह
मझ
ु को प्यारे थे जो अनमोल निशानी की तरह
तेरे खुशबू में बसे ख़त...

तन
ू े दनि
ु या की निगाहों से जो बचकर लिखे , साल-हा-साल मेरे नाम बराबर लिखे
कभी दिन में तो कभी रात को उठ कर लिखे
तेरे खुशबू में बसे ख़त...

तेरे ख़त आज मैं गंगा में बहा आया हूँ, आग बहते हुये पानी में लगा आया हूँ
तेरे खुशबू में बसे ख़त...

तुमने बदले हम से गिन गिन कर लिए


तुम ने बदले हम से गिन गिन के लिये, हमने क्या चाहा था इस दिन के लिये - दाग़

वस्ल का दिन और इतना मख़्


ु तसर, दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये - अमीर मीनाई

(वस्ल = मिलन), (मुख़्तसर = थोड़ा, कम, संक्षिप्त)

वो नहीं सुनते हमारी, क्या करें , माँगते हैं हम दआ


ु जिन के लिये - दाग़

चाहने वालों से गर मतलब नहीं, आप फिर पैदा हुए किन के लिये - दाग़

बाग़बाँ, कलियाँ हों हलके रं ग की, भेजनी हैं एक कमसिन के लिये - अमीर मीनाई (बाग़बाँ = माली)

-दाग़ दे हलवी/ अमीर मीनाई

Public
तुम इतना जो मुस्कुरा, Album/Movie: अर्थ (1983), Lyrics By: कैफ़ी आज़मी

तम
ु इतना जो मस्
ु कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो

आँखों में नमी, हँसी लबों पर, क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको...

बन जायेंगे ज़हर पीते पीते, ये अश्क जो पिए जा रहे हो


क्या गम है जिसको...

जिन ज़ख्मों को वक़्त भर चला है , तुम क्यों उन्हें छे ड़े जा रहे हो


क्या गम है जिसको...

रे खाओं का खेल है मुक़द्दर, रे खाओं से मात खा रहे हो


क्या गम है जिसको...

Ghulam Ali

चप
ु के चप
ु के रात दिन

हम तेरे शहर में आए है

खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में

हं गामा है क्यों बरपा

ये दिल पागल दिल मेरा

हमको किस के गम ने मारा

में नजर से पी रहा हू

Public
Mohd Rafi

आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर जब


ु ान पर

तुम जो मिल गए हों

दीवाना हुआ बादल

ये चांद सा रोशन चेहरा

ए मां ए मां तेरी सूरत से अलग भगवान की मूरत क्या होगी

इस रं ग बदलती दनि
ु या में

तुम्हारा इंतजार है
Ik Haseen Shamm Ko Dil Mera

Hariharan

सहर दर सहर लिए फिरता हूं

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को, कोनसा नाम द ु में तेरी शनासाई को, - शहर दर
शहर
कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है , जानकर साथ लगा रखा है रुसवाई को, -शहर दर
शहर

Public
जिस तरफ जाइये है खोखले लफ्जो का हुजम
ू , कौन समझे यहां आवाज की गहराई को, -
शहर दर शहर
खूब वाकिफ हु में दनि
ु या के चलन से राशिद,मेने पर्वत नही समझा कभी राई को, -शहर दर
शहर
सहर दर सहर लिए फिरता हूं

जब कभी बोलना वक्त पर बोलना

झोंका हवा का आज भी
Tu hi re

Kishore Kumar

छूकर मेरे मन को

दीवाना लेके आया है

मेरे एहबूब कयामत होगी

कही दरू जब दिन ढल जाए

दिए जलते है , फूल खिलते है

रात काली एक ख्वाब में आई

पल पल दिल के पास

चला जाता हुं किसी की धन


ु में

Public
ओ मांझी रो

किस मोड़ से जाते है

हम बेवफा हरगिज न थे

हमे तुम से प्यार कितना

तुम आ गए हो नूर आ गया है

ये शाम मस्तानी

एक लड़की भीगी भागी सी

चेहरा है या चांद खिला है

तेरे मेरे मिलन की ये रै ना

दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिलं से दिल मिल गया

मीत न मिला मन का

ये शाम मस्तानी

हम बेवफा हरगिज न थे

प्यार दीवाना होता है

जिन्दगी के सफर में गज


ु र जाते है

हो मेरे दिल के चैन

Public
फिर वोही रात है

में हूं झम
ू झम
ू झम
ु रू

मैं हूँ झुम झुम झुम झुम झुमरू , फ़क्कड़ घुम बनके घुमरू
मैं ये प्यार का गीत सुनाता चला, मंज़िल पे मेरी नज़र, मैं दनि
ु या से बेखबर
बीती बातों पे धल
ू उड़ाता चला, मैं हूँ झम
ु झम
ु झम
ु झम
ु ...

मैं हूँ झुम झुम झुम झुम झुमरू, फ़क्कड़ घुम घुम बनके घुमरू
साथ में हमसफ़र न कोई कारवां, भोला भाला सीधा सादा
लेकिन दिल का हूँ शहज़ादा, है ये मेरी ज़मीं, ये मेरा आसमां

मैं हूँ झम
ु झम
ु झम
ु झम
ु झम
ु रू, फ़क्कड़ घम
ु घम
ु बनके घम
ु रू
प्यार सीने में है हर किसी के लिये, मुझको प्यारा हर इनसान, दिलवालों पे हूँ क़ुरबान
ज़िन्दगी है मेरी ज़िन्दगी के लिये

चलते चलते यू ही कोई

आने वाला पल जाने वाला है

हम्म आ हा हा हे हे हे हम्म..
आनेवाला पल जानेवाला है - 2
हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो, पल जो ये जानेवाला है , हो हो

आनेवाला पल जानेवाला है , हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो


पल जो ये जानेवाला है

Public
एक बार यूँ मिली, मासम
ू सी कली || एक बार यूँ मिली, मासम
ू सी कली ||
हो खिलते हुए कहा, खश
ु बाश मैं चली || दे खा तो यहीं है , ढूंढा तो नहीं है ||
पल जो ये जानेवाला है , हो हो

आनेवाला पल जानेवाला है || हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो || पल जो ये जानेवाला है

एक बार वक्त से, लम्हा गिरा कहीं || एक बार वक्त से, लम्हा गिरा कहीं ||
वहाँ दास्ताँ मिली, लम्हा कहीं नहीं || थोडा सा हँसा के, थोडा सा रुला के ||
पल ये भी जानेवाला है , हो हो

आनेवाला पल जानेवाला है || हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो || , पल जो ये जानेवाला


है , हो हो
आनेवाला पल जानेवाला है - 3

ओ साथी रो तेरे बिना भी क्या जीना

Kumar Shanu

सोचें गे तुम्हे प्यार करे के नही

सांसों की जरूरत हो जैसे

अब तेरे बिन जी लेंगे हम

BalaSubramaniyam

Public
आते जाते , हस्ते गाते , मैने प्यार किया

दिल दीवाना बिन सजना के

Misclemeous

जहनाशी जहनशी

महबूबा महबूबा , गुलशन में gul khilte hai

आज जाने की जिद न करो, A, E, EI, B, First sing by Habib wali and Farida
Khannun

जुगनी केहं दी आई

गुंचा कोई

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार Cm ,Fm, B

पक
ु ारता चला हुं Cm

लाखो है निगाह में जिंदगी की रह में

ये क्या जगह है दोस्तो

जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में

दिल चीज क्या है आप मेरी

Public
जब दीप जले आना

कहा से आए बदरा

मना हो तम
ु बेहद हं सी

सुहाना सफर और ये मौसम हं सी

यही वो जगह है यही वो फिजाएं

तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही

कितने अजीब रिश्ते है यह पे

आओगे जब तम
ु ओ साजना

बड़ी लंबी जद
ु ाई

यारा सिली सिली

आई जंजीर की झंकार D, A, G
Hai Preet Jaha Ki Reet Sada

शीतल मंजुल कोमल तेरा आंचल

Bhajan

तुम आशा विश्वास हमारे

इतना तो करना स्वामी

Public
कौन कहता है भगवान होते नही

तम
ु करुणा के सागर हो प्रभु

कृष्ण है श्रद्धा
अच्यत
ु म केशवम

जय नंदलाला जय गोपाला

सौन दा महिना यारो,

सौन दा महिना ऐ,सौन दा महिना यारो- 3

सौन दा महिना ऐ

अम्बराँ च वाल कोई झाड दी हसीना ऐ, अम्बराँ च वाल कोई झाड दी हसीना ऐ

इक इक बूंद कोई मोती ते नगीना ऐ, भीजी भीजी सिली सिली पौन दा महिना ऐ

सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ, सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ

धरती दे मुखड़े नु धोन दा महिना ऐ, ते टिप टिप कोठे याँ दे चोण दा महिना ऐ

धरती दे मुखड़े नु धोन दा महिना ऐ, ते टिप-टिप टिप-टिप टिप-टिप

Public
टिप टिप कोठे याँ दे चोण दा महिना ऐ

ते दिला विच, दिला विच कुझ कुझ होण दा महिना ऐ

सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ- 2

मीठे मीठे सुर अत्ते ताल दा महिना ऐ -2

कुले कुले फुल मुस्कान दा महिना ऐ, ते किसे उत्ते दिल आ जान दा महिना ऐ

किसे किसे उत्ते दिल आ जान दा महिना ऐ, ते रुस्से होए यारा नु मनौन दा महिना

सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ - 2

भरके रांझे नाल नक्को नक्की रांझेया नु, बड़ा ही है रान करे महिना एह ते गंजेया नु

बड़ा ही है रान करे महिना एह ते गंजेया न,ु बार-बार लौना पावे कोठे उत्तों मंजेया नु

ढिल्ली कदे कस्सी होई

ढिल्ली कदे कस्सी होई दौन दा महिना ऐ

सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ- 2

अम्बराँ च वाल कोई झाड दी हसीना ऐ - 2, इक इक बूंद कोई मोती ते नगीना ऐ

भीजी भीजी सिली सिली पौन दा महिना ऐ, सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ
-2

दे ने वाले मुझे मौजों की रवानी दे दे – 2,

Public
फिर से एक बार मझ
ु े मेरी जवानी दे दे

अब्र हो, जाम हो, साक़ी हो मेरे पहलू में ,कोई तो शाम मुझे ऐसी सह
ु ानी दे दे , (अब्र =
बादल)

नशा आ जाए मझ
ु े तेरी जवानी की क़सम, तू अगर जाम में भर के मझ
ु े पानी दे दे

हर जवाँ दिल मेरे अफ़साने को दोहराता रहे , हश्र तक ख़त्म न हो ऐसी कहानी दे दे

-शादाब लाहौरी

जीते रहने की सज़ा दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी


जीते रहने की सज़ा दे ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी, अब तो मरने की दआ
ु दे ज़िन्दगी ऐ
ज़िन्दगी

मैं तो अब उकता गया हूँ क्या यही है कायनात, बस ये आईना हटा दे ज़िन्दगी ऐ
ज़िन्दगी

ढूँढने निकला था तुझको और ख़ुद को खो दिया, तू ही अब मेरा पता दे ज़िन्दगी ऐ


ज़िन्दगी

या मुझे एहसास की इस क़ैद से कर दे रिहा, वरना दीवान बना दे ज़िन्दगी ऐ


ज़िन्दगी

-ज़का सिद्दीक़ी

Miscseneous

Public
है प्रीत जहाँ की रीत सदा - लिरिक्स हिंदी में

जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने, भारत ने मेरे भारत ने


दनि
ु या को तब गिनती आयी, तारों की भाषा भारत ने
दनि
ु या को पहले सिखलायी,

दे ता ना दशमलव भारत तो, यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था


धरती और चाँद की दरू ी का, अंदाज़ा लगाना मश्कि
ु ल था

सभ्यता जहाँ पहले आयी, पहले जनमी है जहाँ पे कला


अपना भारत वो भारत है , जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा ,यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े , बढ़ता ही रहे और फूले-फले

है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ


भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ

काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है


कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चक
ु ी सारी दनि
ु या, मैं बात वो ही दोहराता हूँ
भारत का रहने…

जीते हो किसी ने दे श तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है


जहाँ राम अभी तक है नर में , नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ

Public
भारत का रहने

इतनी ममता नदियों को भी, जहाँ माता कह के बल


ु ाते है
इतना आदर इन्सान तो क्या, पत्थर भी पज
ू े जातें है
इस धरती पे मैंने जनम लिया

ये सोच , ये सोच के मैं इतराता हूं


भारत का रहने वाला हूं , भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहां की रीत सदा, हो...हो...हो...

आते जाते हँसते गाते:Maine Pyar Kiya 1989


Singer : Lata Mangeshkar, S. P. Balasubrahmanyam
Music Director : Raamlaxman (Vijay Patil), Lyrics by : Dev Kohli

आते जाते हँसते गाते, सोचा था मैंने मन में कई बार


वह पहली नज़र हल्का सा असर, करता है क्यूँ इस दिल को बेकरार
रुक के चलना चलके रुकना, न जाने तुम्हें है किसका इंतज़ार
तेरा वह यकीं कहीं मैं तो नहीं, लगता है एहि क्यों मझ
ु को बार बार
यही सच है शायद मैंने प्यार किया, हा हा तुम से मैंने प्यार किया

आते जाते हँसते गाते, सोचा था मैंने मन में कई बार


होठों की काली कुछ और खिलीy, यह दिल पे हुआ है किसका इख़्तियार
तम
ु कौन हो बतला तो दो, क्यों करने लगी मैं तम
ु पे ऐतबार

Public
खामोश रहूँ या मैं कह दँ ,ू या करलु में चप
ु के से यह स्वीकार
यही सच है शायद मैंने प्यार किया, हाँ हाँ तुम से मैंने प्यार किया.

भीगा भीगा है समा, फिल्म नागिन, Cm

आ जा आ जा..

मेरा दिल ये पुकारे आजा मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू
कहाँ

मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू
कहाँ

मेरा दिल ये पुकारे आजा

तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूँ क्या करूँ

तू नहीं तो ये रुन ये हवा क्या करूँ

दरू तुझ से मैं रह के बता क्या करूँ क्या करूँ

सूना सूना है जहाँ अब जाऊँ मैं कहाँ

बस इतना मझ
ु े समझा जा

भीगा भीगा है समा

ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा

आँधियाँ वो चलीं आशियां लट


ु गया लट
ु गया

Public
आँधियाँ वो चलीं आशियां लट
ु गया प्यार का मस्
ु कुराता जहाँ लट
ु गया लट
ु गया

एक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक

ओ चाँद.. ओ चाँद मेरे दिखला जा

भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ

मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा

मँह
ु छुपा के मेरी ज़िंदगी रो रही रो रही

मँह
ु छुपा के मेरी ज़िंदगी रो रही

दिन ढला भी नहीं शाम क्यों हो रही हो रही

तेरी दनि
ु या से हम लेके चले तेरा ग़म

दम भर के लिए तो आजा

भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ

मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू
कहाँ मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा

हद से गुज़र न जाऊँ मैं ऐसा न कीजिए - Akhtar Azad

हद से गज़
ु र न जाऊँ मैं ऐसा न कीजिए

मस्ती-भरी निगाह से दे खा न कीजिए

Public
पलकों को रास्तों में बिछाया न कीजिए

यूँ अपने इंतिज़ार को रुस्वा न कीजिए

पढ़ लेंगे लोग चेहरे से दिल की किताब को

इतना किसी के बारे में सोचा न कीजिए

ग़ैरों पे ए’तिबार तो है बात दरू की

अपना भी हो सके तो भरोसा न कीजिए

मेरी नज़र से आप कहाँ बच के जाएँगे

मैं आइना हूँ आप का पर्दा न कीजिए

यूँ मुझ को ए’तिबार बहुत है मगर हुज़ूर

वादे तो टूट जाते हैं वा’दा न कीजिए

रिश्ता मिरा ज़मीन से मज़बूत है बहुत

अब मुझ को आसमाँ से पुकारा न कीजिए

शहर दर शहर लिए फिरता हुं

Public
ख़द
ु को जहाँ से आदमी छोटा दिखाई दे

इतना भी अपने-आप को ऊँचा न कीजिए

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को

कौन सा नाम दँ ू में तेरी शना-साई को

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को

कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है

कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है

जान कर साथ लगा रखा हैं रुसवाई को

जान कर साथ लगा रखा हैं रुसवाई को

स ग म ग धा नि धा म ग म नि धा मा गा मा प ग म रे

रे ग म प ग म रे सा नि रे सा प म ग नि सा

जिस तरफ जाइए है खोखले लफ्जों का हुजूम

जिस तरफ जाइए है खोखले लफ्जों का हुजम


Public
कौन समझे यहाँ आवाज़ की गहराई को

कौन समझे यहाँ आवाज़ की गहराई को

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को

खूब वाक़िफ़ हूँ में दनि


ु याँ के चलन से राशीद

खूब वाक़िफ़ हूँ में दनि


ु याँ के चलन से राशीद

मै ने परबत नहीं समझा है कभी राई हो

मै ने परबत नहीं समझा हैं कभी राई हो

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को

कौन सा नाम डून में तेरी शना-साई को

शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को

Movie/Album: उत्सव (1984)

Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारे लाल

Lyrics By: वसंत दे व

Performed By: सुरेश वाडकर

साँझ ढले गगन तले, हम कितने एकाकी

Public
छोड़ चले नयनों को, किरणों के पाखी

साँझ ढले...

पाती की जाली से, झाँक रही थी कलियाँ

गंध भरी गन
ु गन
ु में , मगन हुई थी कलियाँ

इतने में तिमिर धँसा, सपनीले नयनों में

कलियों के आँसू का कोई नहीं साथी

छोड़ चले नयनों को...

जग
ु नू का पट ओढ़े , आयेगी रात अभी

जुगनू का पट ओढ़े , आयेगी रात अभी

निशिगंधा के सुर में , कह दे गी बात सभी

कँपता है मन जैसे डाली अम्बुवा की

छोड़ चले नयनों को...

आ आ आ

जब दीप जले आना जब शाम ढले आना

जब दीप जले आना जब शाम ढले आना

संकेत मिलन का भूल न जाना

मेरा प्यार ना बिसराना

Public
जब दीप जले आना जब शाम ढले आना

मैं पलकन डगर बह


ु ारूंगा

तेरी राह निहारूंगा

मैं पलकन डगर बह


ु ारूंगा

तेरी राह निहारूंगा

मेरी प्रीत का काजल

तुम अपने नैनों में मले आना

जब दीप जले आना जब शाम ढले आना

जहाँ पेहली बार मिले थे हम

जिस जगह से संग चले थे हम

जहाँ पेहली बार मिले थे हम

जिस जगह से संग चले थे हम

नदियां के किनारे आज उसी

अमवा के तले आना

जब दीप जले आना जब शाम ढले आना

ऩि रे गा रे गा मा ग रे स स ऩि

प प म रे ग स नि स ग प म प

नित सांझ सवेरे मिलते हैं

आ आ आ आ

Public
नित सांझ सवेरे मिलते हैं

उन्हें दे खके तारे खिलते हैं

नित सांझ सवेरे मिलते हैं

उन्हें दे खके तारे खिलते हैं

लेते हैं विदा एक दज


ू े से

कहते हैं चले आना

जब दीप जले आना

जब शाम ढले आना

हा हा हा हा

कहाँ से आए बदरा हो

कहाँ से आए बदरा हो

घुलता जाए कजरा

कहाँ से आए बदरा हो

घल
ु ता जाए कजरा

कहाँ से आए बदरा हो

पलकों के सतरं गे दीपक, पलकों के सतरं गे दीपक

Public
बन बैठे आँसू की झालर, बन बैठे आँसू की झालर

मोती का अनमोलक हीरा,

मिट्टी में जा फिसला

कहाँ से आए बदरा हो

घुलता जाए कजरा

कहाँ से आए बदरा हो

नींद पिया के संग सिधारी

रुक क्यूँ गयी गाओ

नींद पिया के संग सिधारी

सपनों की सूखी फुलवारी

सपनों की सूखी फुलवारी

अमत
ृ होठों तक आते ही

जैसे विष में बदला

कहाँ से आए बदरा हो

घल
ु ता जाए कजरा

कहाँ से आए बदरा हो

प म प म प म प म

मा रे मा रे मा रे मा रे

प म प म प म प म

Public
मा रे मा रे मा रे मा रे

उतरे मेघ या फिर छाये आ.. आ

उतरे मेघ या फिर छाये

निर्दय झोंके अगन बढ़ाये

निर्दय झोंके अगन बढ़ाये

बरसे हैं अब तोसे सावन

रोए मन है पगला

कहाँ से आए बदरा बदरा हो हो

आ आ आ हा आ हा हा हा

F चांदनी रातें , Am प्यार की बाते

Am खो गई G जाने कहां

Am ये रात ये चांदनी A फिर कहां Dm

Am सन
ु जा दिल की दास्तान

Am आती है सदा C तेरी।। G टूटे हुए तारो Am से

Am आहट तेरी सन
ु ती C हुं।। G खामोश नजारों Am से।।

C भीगी हवा, C उमड़ती घटा।।F कहती है G7 तेरी कहानी C ।।

Public
C तेरे लिए, C बैचेन है ।। F शोलो में G7 लिपटी C जवानी।।

Am सीने में बल F खा रहा है Dm धुआं।।

Am सन
ु जा दिल की दास्तान Dm

(Verse 2 )

Am लहरों के लबों पर है C।। G खोए हुए अफसाने C।।

Am गल
ु जार उम्मीदों के C।।G सब हो गए वीराने Am l।

C तेरा पता, C पाऊं कहां।।F सूने है G7 सारे C ठिकाने।।

C जाने कहां, C गुम हो गए।। F जाके वो G7 अगले C जमाने।।

Am बर्बाद हैं A आरजू का Dm जहां।।

Am सन
ु जा Am दिल की दास्तां।।

Am ये रात ये चांदनी A फिर कहा Dm || Am सुन जा दिल की दास्ताँ

ये रात ये चांदनी फिर || कहा सन


ु जा दिल की दास्ताँ

हं हं हं हं हं हं

Am हे पेड़ो की शाखों पे || C पेड़ो की शाखों पे सोई सोई चाँदनी

पेड़ो की शाखों पे||

तेरे ख़यालों में खोई खोई चाँदनी || G और थोड़ी दे र में थक के लौट जाएगी

रात यह बहार की फिर कभी ना आएगी ||

Public
दो एक पल और है यह समा सन
ु जा दिल की दास्तान

हं हं हं हं हं हं

हे लहरों के होंठो पे || लहरों के होंठो पे धीमा धीमा राग है || लहरों के होंठो पे

भीगी हवाओं में ठं डी ठं डी आग है ||

इस हसीन आग में तू भी जल्के दे खले || ज़िंदगी के गीत की धुन बदल के


दे खले||

खुलने दे अब धड़कनो की ज़ुबान सुन जा दिल की दास्तान||

हे जाती बहारे हैं || जाती बहारे हैं उठती जवाणियाँ || जाती बहारे हैं

तारों के चाओं में पहले कहानियाँ ||

एक बार चल दिए गर तुझे पुकारके ||लौटकर ना आएँगे क़ाफ़िलें बहार के

एक बार चल दिए गर तझ
ु े पक
ु ारके ||लौटकर ना आएँगे क़ाफ़िलें बहार के

आजा अभी ज़िंदगी है जवान सुन जा दिल की दास्तान ||

ये रात ये चांदनी फिर ||कहा सुन जा दिल की दास्ताँ दास्ताँ दास्ताँ

खुदा खैर करे D Major, A,G (Songwriters: Jan Nishar Akhtar / Khaiyyaam)

Public
आयी ज़ंजीर की झंकार ||खुदा खैर करे

दिल हुआ किसका गिरफ्तार ||खद


ु ा खैर करे

आयी ज़ंजीर की झंकार

जाने यह कौन मेरी रूह , को छूकर गज़


ु ारा

जाने यह कौन || जाने यह कौन मेरी रूह को छूकर गुज़ारा

एक क़यामत हुई बेदार ||एक क़यामत हुई बेदार

खुदा खैर करे

लम्हा लम्हा मेरी आँखों में , खींचा जाती है

लम्हा लम्हा मेरी आँखों, में खींचा जाती है

एक चमकती हुई तलवार || खुदा खैर करे

एक चमकती हुई तलवार ||एक चमकती हुई तलवार

खन
ू दिल का न छलक, जाए कही आँखों से

खून दिल का न छलक,जाए कही आँखों से

हो न जाए कही इज़हार ||हो न जाए कही इज़हार

हो न जाए कही इज़हार || खद


ु ा खैर करे || खद
ु ा खैर करे ||खद
ु ा खैर करे

Public
रोज़ रोज़ आँखों तले - Roz Roz Aankhon Tale (Asha Bhosle, Amit Kumar)
Movie/Album: जीवा (1986), Music By: आर.डी.बर्मन, Lyrics By: गुलज़ार,
Original Scale Bb

Am G
रोज़ रोज़ आँखों तले, रोज़ रोज़ आँखों तले,

एक ही सपना चले G
G रात भर काजल जले, F आँख में C जिस तरह
E ख़्वाब का दिया जले C

C जबसे तुम्हारी नाम की मिसरी Am होंठ लगायी है F


मीठा सा G ग़म है , Em और मीठी Am सी F तन्हाई Am है
रोज़ रोज़ आँखों तले...

छोटी सी दिल की उलझन है , ये सुलझा दो तुम


जीना तो सीखा है मरके, मरना सिखा दो तुम
रोज़ रोज़ आँखों तले...

आँखों पर कुछ ऐसे तम


ु ने ज़ल्
ु फ़ गिरा दी है
बेचारे से कुछ ख़्वाबों की नींद उड़ा दी है
रोज़ रोज़ आँखों तले...

Public
फिर वही रात है :Original Scale Eb/D#
D फिर वही A रात है
ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म ह्म्‍म्म्म
G फिर वही रात D है फिर A वही रात है ख्वाब की
हो Bm रात भर ख्वाब मैं G, G#7 दे खा करें गे F#m तुम्हे
फिर वही रात है , फिर वही रात है फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं, दे खा करें गे तम्
ु हे
फिर वही रात है

A मासूम सी D नींद मैं F जब कोई सपना A चले ||A हो हम को D बुला लेना F तुम पलकों के A पर्दे
तले
A हो ये रात है ख्वाब की F || ख्वाब की रात है F#m
फिर वही रात है D A G F#m D || फिर वही रात है , फिर वही रात है ख्वाब की

काँच के ख्वाब हैं आँखों में चुभ जायेंगे, || हो पलकों पे लेना इन्हें आँखों में रुक जायेंगे
हो ये रात है ख्वाब की ख्वाब की रात है
फिर वही रात है फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं
दे खा करें गे तुम्हे , फिर वही रात है , रात है , रात है

Public
Song Title/ गाना: ज़हनसीब Zehnaseeb
Movie/ फिल्म: हँसी तो फँसी Hasee Toh Phasee (Year-2014)
Singer/ गायक: Chinmayi Sripada, Shekhar Ravjiyani
Music Director/ संगीतकार: विशाल-शेखर Vishal-Shekhar
Lyrics Writer/ गीतकार: अमित ाभ भट्टाचार्य Amitabh Bhattacharya
Star casts/अभिनीत किरदार: Sidharth Malhotra, Parineeti Chopra
D ज़हनसीब, G ज़हनसीब || Am तुझे चाहूँ C बे-तहााशा D ज़हनसीब
मेरे क़रीब, मेरे हबीब || तुझे चाहूँ बे-तहााशा ज़हनसीब
D तेरे संग बीते Am हर लम्हें पे, G हमको नाज़ है || D तेरे संग जो Am ना बीते
उसपे, G ऐतराज़ है
G इस क़दर हम दोनों का मिलना, E एक राज़ है ||
D हुआ अमीर, G दिल ग़रीब || Am तुझे चाहूँ C बे-तहााशा D ज़हनसीब
लेना-देना नहीं दुनिया से मेरा || बस तुझसे काम है
तेरी अँखियों के शहर में ||यारा सब इंतज़ाम है
ख़ु शि
यों का एक टुकड़ा मिले || या मिले ग़म की खुर चले
यारा तेरे मेरे खर्चे में || दोनों का ही एक दाम है
C होना लिखा था Bm यूँही, जो D हुआ || C या होते-होते Bm अभी || G अनजाने में हो D
गया
जो भी हुआ, हुआ अजीब || तुझे चाहूँ बे-तहााशा ज़हनसीब
ज़हनसीब, ज़हनसीब
तुझे चाहूँ बे-तहााशा, तुझे चाहूँ बे-तहााशा || ज़हनसीब

मेरा दिल ये पुकारे आजा || मेरे ग़म के सहारे आजा

Cm मेरा दिल ये पुकारे Cm आजा|| Fm मेरे ग़म के सहारे Cm आजा


Cm भीगा भीगा है समा || G # ऐसे में है तू कहाँ ||
मेरा दिल ये पुकारे आजा || मेरे ग़म के सहारे आजा ||
भीगा भीगा है समा || ऐसे में है तू कहाँ || मेरा दिल ये पुकारे आजा
Cm तू नहीं तो ये रुत G ये हवा क्या करूँ Cm क्या करूँ || तू नहीं तो ये रुन ये हवा क्या करूँ
Cm दूर तुझ से मैं रह के G बता क्या करूँ Cm क्या करूँ ||
Cm सूना सूना है जहाँ || Fm अब जाऊँ मैं कहाँ || Cm बस इतना मुझे समझा जा ||
भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ ||मेरा दिल ये पुकारे आजा
आँधियाँ वो चलीं आशिियां लुट गया लुट गया || आँधियाँ वो चलीं आशिियां लुट गया
प्य ार क ामुस्कुर ात ाजहाँलुट गयालुट गया|| एक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक ओ चाँद.. ओ चाँद मेरे
दिखला जा
भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू कहाँ || मेरा दिल ये पुकारे आजा
मुँह छुपा के मेरी ज़िंदगी रो रही रो रही || मुँह छुपा के मेरी ज़िंदगी रो रही
दिन ढला भी नहीं शााम क्यों हो रही हो रही || तेरी दुनिया से हम , ले के चले तेरा ग़म , दम भर के लिए
तो आजा

Public
भीगा भीगा है समा || ऐसे में है तू कहाँ || मेरा दिल ये पुकारे आजा || मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा
है समा ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा

कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गन


ु गन
ु ाओगे
Am कभी G ख़ामोश F बैठोगे कभी Am कुछ C गन
ु गन
ु ाओगे
Am मैं उतना Dm याद आऊँगा G मुझे F जितना C भुलाओगे
G कभी F ख़ामोश बैठोगे Am कभी कुछ C गुनगुनाओगे

Am कोई जब C पछ
ू बैठेगा G ख़ामोशी F का सबब Am तम
ु से
कोई जब पछ
ू बैठेगा ख़ामोशी का सबब तम
ु से
G बहुत समझाना F चाहोगे Am मगर समझा ना C पाओगे
Am मैं उतना Dm याद आऊँगा G मुझे F जितना C भुलाओगे
G कभी F ख़ामोश बैठोगे Am कभी कुछ C गन
ु गन
ु ाओगे

कभी दनि
ु या मक
ु म्मल बन के आएगी निगाहों में ||

कभी दनि
ु या मुकम्मल बन के आएगी निगाहों में
कभी मेरे कमी दनि
ु या की हर इक शै में पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गन
ु गन
ु ाओगे

Public
कहीं पर भी रहें हम तम
ु मह
ु ब्बत फिर मह
ु ब्बत है
कहीं पर भी रहें हम तुम मह
ु ब्बत फिर मह
ु ब्बत है
तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगे
तम्
ु हें हम याद आयेंगे हमें तम
ु याद आओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे

Lyrics By: अहमद फ़राज़


Performed By: मेहदी हसन
Taal: दादरा

रं जिश ही सही दिल ही दख


ु ाने के लिए आ
आ फिर से मझ
ु े छोड़ के जाने के लिये आ

अब तक दिल-ए-खुशफ़हम को हैं तुझ से उम्मीदें


ये आखिरी शम्में भी बुझाने के लिये आ
रं जिश ही सही...

इक उम्र से हूँ लज्ज़त-ए-गिरया से भी महरूम


ऐ राहत-ए-जां मझ ु को रुलाने के लिये आ
रं जिश ही सही...

Public
कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-मोहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मझ
ु को मनाने के लिये आ
रं जिश ही सही...

माना के मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत


चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ
रं जिश ही सही...

जैसे तम्
ु हें आते हैं ना आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ
रं जिश ही सही...

पहले से मरासिम ना सही फिर भी कभी तो


रस्म-ओ-रहे दनि
ु या ही निभाने के लिये आ
रं जिश ही सही...

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम


तू मुझ से खफा है तो ज़माने के लिये आ
रं जिश ही सही...
Labels: Ahmed Faraz , Ghazals ,

तुम आ गए हो, नूर आ गया है


दर्दे दिल दर्दे जिगर दिल में बसाया आपने
तम
ु बिन जाऊं कहा

मेरे सामने वाली खिड़की मैं

Public
ये चांद सा रोशन चेहरा

तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन

आज कल पाव जमीन पर नही पड़ते मेरे

तुमने मुझे दे खा, होके मेहरबान

किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है -२

नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी

लता: जीने कि तम
ु से वजह मिल गई है

बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी

किशोर: तुम आ गए हो नूर आ गया है

किशोर: कहाँ से चले कहाँ के लिये

ये खबर नहीं थी मगर

कोइ भी सिरा जहाँ जा मिला

वहीं तम
ु मिलोगे

के हम तक तुम्हारी दआ
ु आ रही थी

तुम आ गये हो नूर आ गया हैं

लता: नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी

Public
तम
ु आ गए हो नरू आ गया हैं

लता: दिन डूबा नहीं रात डूबी नहीं

जाने कैसा है सफ़र

ख़्वाबों के दिये आँखों में लिये

वहीं आ रहे थे

जहाँ से तुम्हारी सदा आ रही थी

तम
ु आ गये हो नरू आ गया हैं

नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी

मेने पूछा चांद से के देखा है कही


दिल के टुकड़े टुकड़े करके मुस्कु रा के चल दिए
दिल है हाय मेरा दिल , दिल से दिल मिल गया
मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं
मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चांदनी की क़सम नहीं, नहीं, नहीं…
मैंने पूछा चाँद से…
मैंने ये हीज़ाब तेरा ढूंढा ।। हर जगह शबाब तेरा ढूंढा
कलियों से मिसाल तेरी पूछी।। फू लों ने जवाब तेरा ढूंढा
मैंने पूछा बाग से, फ़लक हो या जमीं ।। ऐसा फू ल है कहीं
बाग़ ने कहा हर कली की क़सम नहीं नहीं, नहीं…
मैंने पूछा चाँद से…
हो.. चाल है की मौज की रवानी ।। जुल्फ़ है की रात की कहानी
होंठ है की आईने कवल के ।। आँख है के महका दो की रानी
मैंने पूछा जाम से, फ़लक हो या जमीं ।। ऐसी मह भी है कहीं
जाम ने कहा, महकशीं की क़सम नहीं नहीं, नहीं..
मैंने पूछा चाँद से…
खुबसूरती जो तूने पाई ।। लुट गयी ख़ुदा की बस ख़ुदाई
मीर के गज़ल कहूँ तुझे मैं।। या कहूँ खीयाम की रुबाई
मैं जो पूछूं शायरों से ऐसा दिल नाशी ।। कोई शेर है कहीं

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शायर कहे शायरी की क़सम नहीं, नहीं, नहीं…
मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चांदनी की क़सम नहीं, नहीं, नहीं..
मैंने पूछा चाँद से..

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जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा ।।

रोके ज़माना चाहे ,रोके खद


ु ाई तम
ु को आना पड़ेगा ।।

जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा

तरसती निगाहों ने आवाज़ दी है ।। मोहब्बत की राहों ने आवाज़ दी है

जाने हया, जाने अदा, छोडो तरसाना तुमको, आना पड़ेगा

जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा।।

ये माना हमें जान से जाना पड़ेगा ।।पर ये समझ लो

तुमने ,जब भी पुकारा हमको आना पड़ेगा

जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा

हम अपनी वफ़ा पे ना, इलज़ाम लेंगे ।।तुम्हे दिल दिया है तुम्हे जान भी दें गे आ
आ..

जब इश्क का ,सौदा किया, फिर क्या घबराना, हमको आना पड़ेगा

जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा

Public
चमकते हैं जब तक ये चाँद और तारे

,ना टूटें गे अब कह दो पैमान हमारे

एक दस
ू रा जब दे सदा होक दीवाना हमको आना पड़ेगा

जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा निभाना पड़ेगा

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