Songs26 Aug
Songs26 Aug
Public
1 Rafi आज कल तेरे मेरे प्यार 35 Kishor छूकर मेरे मन को
2 Rafi तुम जो मिल गए हों 36 Kishor दीवाना लेके आया है
3 Rafi दीवाना हुआ बादल 37 Kishor मेरे एहबूब कयामत होगी
4 Rafi ये चांद सा रोशन चेहरा 38 Kishor कही दरू जब दिन ढल जाए
5 Rafi इस रं ग बदलती दनि
ु या 39 Kishor दिए जलते है , फूल खिलते है
6 Rafi तम्
ु हारा इंतजार है 40 Kishor रात काली एक ख्वाब में आई
7 Rafi Ik Haseen Shamm 41 Kishor पल पल दिल के पास
8 Rafi पक
ु ारता चला हुं Cm 42 Kishor चला जाता हुं किसी की धन
ु में
9 Rafi लाखो है निगाह में 43 Kishor ओ मांझी रो
10 Rafi 44 Kishor किस मोड़ से जाते है
11 Rafi 45 Kishor हम बेवफा हरगिज न थे
12 Rafi 46 Kishor हमे तम
ु से प्यार कितना
13 Rafi 47 Kishor तुम आ गए हो नूर आ गया है
14 Rafi 48 Kishor ये शाम मस्तानी
15 Rafi 49 Kishor एक लड़की भीगी भागी सी
16 Rafi 50 Kishor चेहरा है या चांद खिला है
17 51 Kishor तेरे मेरे मिलन की ये रै ना
18 52 Kishor दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल,
19 53 Kishor मीत न मिला मन का
20 54 Kishor ये शाम मस्तानी
21 55 Kishor प्यार दीवाना होता है
22 56 Kishor जिन्दगी के सफर में गुजर जाते है
23 57 Kishor हो मेरे दिल के चैन
24 58 Kishor फिर वोही रात है
25 59 Kishor में हूं झूम झूम झुमरू
26 60 Kishor मेरे सामने वाली खिड़की में
27 61 Kishor कहना है कहना है आज तुमसे
28 62 Kishor
29 63 Kishor
30 64 Kishor
31 65 Kishor
32 66 Kishor
33 67 Kishor
34 68 Kishor
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2 किसी की मुस्कुराहटों पे 36 महबूबा महबूबा
हो निसार Cm ,Fm, B
3 सह
ु ाना सफर और ये 37 जग
ु नी केहं दी आई
4 Dost Dost Na Raha 38
5 Awara Hu 39 ये क्या जगह है दोस्तो
6 40 जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में
7 41 दिल चीज क्या है आप मेरी
8 42 Yeshudas जब दीप जले आना
9 43 Yeshudas कहा से आए बदरा
10 44 Yeshudas मना हो तमु बेहद हं सी
11 45 Yeshudas Surmayi Ankhiyo me
12 46 यही वो जगह है यही वो फिजाएं
13 47 तड़प तड़प के इस दिल से आह
14 48 कितने अजीब रिश्ते है यह पे
15 49 आओगे जब तुम ओ साजना
16 50 बड़ी लंबी जुदाई
17 51 यारा सिली सिली
18 52 Kabban आई जंजीर की झंकार D, A, G
Mirza
19 53 Mohit गुंचा कोई
20 54 Na hai ye Pana
21 55 Abhi Kuch Dino se
22 56
23 57 Kailash Chowk Purao
24 58 Pyar Hai Ya saza
25 59 Toota Toota Ek Parinda
26 60
27 61
28 62 Kumar Shanu सोचें गे तुम्हे प्यार करे के नही
29 63 सांसों की जरूरत हो जैसे
30 64 अब तेरे बिन जी लेंगे हम
31 65
32 66
33 67
34 68
Jagjeet Singh
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वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दआ
ु न करे , मैं तुझको भल
ू के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे
रहे गा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर, ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में , ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे
ज़माना दे ख चुका है परख चुका है उसे , "क़तील" जान से जाये पर इल्तजा न करे
किसे ख़बर थी बढ़े गी कुछ और तारीक़ी (तारीक़ी = अन्धकार, अँधेरा), छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह
बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया, वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह (मुरव्वत = संकोच, लिहाज)
कभी न सोचा था हमने 'क़तील' उस के लिये, करे गा हमपे सितम वो भी हर किसी की तरह
हम तो हैं परदे स में , दे स में निकला होगा चांद, अपनी रात की छत पर, कितना तनहा होगा चांद
जिन आँखों में काजल बनकर, तैरी काली रात, उन आँखों में आँसू का इक, कतरा होगा चांद
रात ने ऐसा पेंच लगाया, टूटी हाथ से डोर, आँगन वाले नीम में जाकर, अटका होगा चांद
Public
चांद बिना हर दिन यूँ बीता, जैसे युग बीते, मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चांद
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा, कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
हम भी वहीं मौजद
ू थे, हम से भी सब पछ
ू ा किए ||हम हँस दिए, हम चप
ु रहे , मंज़रू था परदा तेरा।
इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटी महिफ़लें ||हर शख़्स तेरा नाम ले, हर शख़्स दीवाना तेरा।
कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जाएँ मगर ||जंगल तेरे, पर्वत तेरे, बस्ती तेरी, सहरा तेरा।
दो अश्क जाने किस लिए, पलकों पे आ कर टिक गए ||अल्ताफ़ की बारिश तेरी अक्राम का दरिया
तेरा।
हाँ हाँ, तेरी सूरत हँसी, लेकिन तू ऐसा भी नही|| इस शख़्स के अशआर से, शोहरा हुआ क्या-क्या
तेरा।
बेशक, उसी का दोष है , कहता नहीं ख़ामोश है ||तू आप कर ऐसी दवा बीमार हो अच्छा तेरा।
बेदर्द, सन
ु नी हो तो चल, कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल ||आशिक़ तेरा, रुसवा तेरा, शायर तेरा,
'इन्शा' तेरा।
Public
शाम महके तेरे तसव्वुर से || शाम के बाद फिर सहर महके,
रात भर सोचता रहा तझ
ु को ||ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके,
याद आए तो दिल मुनव्वर हो ||दीद हो जाए तो नज़र महके,
वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे ||वो ज़मीं महके वो शजर महके,
सोचता हूँ के अब अंजाम-ए-सफ़र क्या होगा|| लोग भी काँच के हैं, राह भी पथरीली है
मुझ को बे-रं ग ही कर दे न कहीं रं ग इतने|| सब्ज़ मौसम है , हवा सुर्ख़, फ़िज़ा नीली है
मझ
ु से मिलने के वो करता था -सीमाब अकबराबादी
मुझसे मिलने के वो करता था बहाने कितने ||अब गुज़ारे गा मेरे साथ ज़माने कितने
जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है || सोचते होंगे यही बात न जाने कितने
तुम नया ज़ख़्म लगाओ तुम्हें इस से क्या है || भरने वाले हैं अभी ज़ख़्म पुराने कितने
Public
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
जाने वो कौन सा दे श जहाँ तम
ु चले गए
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
जाने वो कौन सा दे श जहाँ तम
ु चले गए
जहाँ तम
ु चले गए
एक आह भरी होगी हमने ना सुनी होगी , जाते जाते तुमने आवाज़ तो दी होगी
हर वक़्त येही है ग़म, उस वक़्त कहाँ थे हम , कहाँ तम
ु चले गए
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
हर चीज़ पे अश्कों से लिखा है तुम्हारा नाम , ये रस्ते घर गलियाँ तुम्हे कर ना सके सलाम
है दिल में रे ह गयी बात, जल्दी से छुड़ा कर हाथ, कहाँ तम
ु चले गए
चिठ्ठी ना कोई सन्दे श
अब यादों के कांटे इस दिल में चुभते हैं , ना दर्द ठे हे रता है ना आंसूं रुकते हैं
तुम्हे ढूंड रहा है प्यार, हम कैसे करें इकरार, कहाँ तुम चले गए
चिठ्ठी ना कोई
मैं नशे में हु Movie/Album: अ जर्नी (1999), Lyrics By: शहीद कबीर ,
गिरने दो तुम मुझे, मेरा साग़र संभाल लो, इतना तो मेरे यार करो
मैं नशे में हूँ...
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मुझको कदम-कदम पे भटकने दो वाइज़ों, तुम अपना कारोबार करो
मैं नशे में हूँ...
फ़िर बेखुदी में हद से गुज़रने लगा हूँ मैं, इतना ना मुझसे प्यार करो
Public
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो ख्वाबों-खिलौनों की ज़ागीर अपनी
ना दनि
ु या का ग़म था, ना रिश्तों के बन्धन
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िन्दगानी
आहिस्ता
Movie/Album: द अनफर्गेटे बल्स (1977), दीदार-ए-यार (1982)
Music By: जगजीत सिंह, लक्ष्मीकांत-प्यारे लाल
Lyrics By: अमीर मीनाई
Performed By: जगजीत सिंह, किशोर कुमार, लता मंगेशकर
सवाल-ए-वस्ल पर उनको
अद ू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठों से दे ते हैं जवाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
**हमारे और तम्
ु हारे प्यार में
बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है
उधर आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
Public
वो बेदर्दी से सर काटे *मेरा /**अमीर
और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता
जनाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब...
गिरती हुई दीवार का हमदर्द हूँ लेकिन, चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश (परस्तिश = पज
ू ा, आराधना) नहीं
करता
प्यार का पहला ख़त लिखने, Movie/Album: फेस टू फेस (1994), Lyrics By: हस्ती
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है , नए परिंदो को उड़ने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...
जिस्म की बात नहीं थी, उनके दिल तक जाना था, लम्बी दरू ी तय करने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...
Public
गाँठ अगर लग जाये तो , फ़िर रिश्ते हों या डोरी , लाख़ करें कोशिश खल
ु ने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...
हमने इलाज-ए-जख़्में दिल तो, ढूँढ लिया लेकिन , गहरे जख्मों को भरने में वक़्त तो लगता है
प्यार का पहला ख़त...
आकाश का सन
ू ापन, मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम, आ जाओ जीवन में
सांसें दे कर अपनी, संगीत अमर कर दो
होंठों से छू लो तुम...
तेरी खश
ु बू में बसे खत में , Movie/Album: अर्थ (1983),Lyrics By: राजिंदरनाथ रहबर
तेरे ख़ुशबू में बसे ख़त, मैं जलाता कैसे , प्यार में डूबे हुये ख़त, मैं जलाता कैसे
Public
तेरे हाथों के लिखे ख़त, मैं जलाता कैसे
जिनको दनि
ु या की निगाहों से छुपाये रखा , जिनको इक उम्र कलेजे से लगाये रखा
दीन जिनको, जिन्हें ईमान बनाये रखा
तेरे खश
ु बू में बसे ख़त...
जिनका हर लफ़्ज़ मुझे याद था पानी की तरह , याद थे मुझको जो पैग़ाम-ए-ज़ुबानी की तरह
मझ
ु को प्यारे थे जो अनमोल निशानी की तरह
तेरे खुशबू में बसे ख़त...
तन
ू े दनि
ु या की निगाहों से जो बचकर लिखे , साल-हा-साल मेरे नाम बराबर लिखे
कभी दिन में तो कभी रात को उठ कर लिखे
तेरे खुशबू में बसे ख़त...
तेरे ख़त आज मैं गंगा में बहा आया हूँ, आग बहते हुये पानी में लगा आया हूँ
तेरे खुशबू में बसे ख़त...
चाहने वालों से गर मतलब नहीं, आप फिर पैदा हुए किन के लिये - दाग़
बाग़बाँ, कलियाँ हों हलके रं ग की, भेजनी हैं एक कमसिन के लिये - अमीर मीनाई (बाग़बाँ = माली)
Public
तुम इतना जो मुस्कुरा, Album/Movie: अर्थ (1983), Lyrics By: कैफ़ी आज़मी
तम
ु इतना जो मस्
ु कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
आँखों में नमी, हँसी लबों पर, क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको...
Ghulam Ali
चप
ु के चप
ु के रात दिन
Public
Mohd Rafi
इस रं ग बदलती दनि
ु या में
तुम्हारा इंतजार है
Ik Haseen Shamm Ko Dil Mera
Hariharan
शहर दर शहर लिए फिरता हूँ तन्हाई को, कोनसा नाम द ु में तेरी शनासाई को, - शहर दर
शहर
कोई महफ़िल हो तेरा नाम तो आ जाता है , जानकर साथ लगा रखा है रुसवाई को, -शहर दर
शहर
Public
जिस तरफ जाइये है खोखले लफ्जो का हुजम
ू , कौन समझे यहां आवाज की गहराई को, -
शहर दर शहर
खूब वाकिफ हु में दनि
ु या के चलन से राशिद,मेने पर्वत नही समझा कभी राई को, -शहर दर
शहर
सहर दर सहर लिए फिरता हूं
झोंका हवा का आज भी
Tu hi re
Kishore Kumar
छूकर मेरे मन को
पल पल दिल के पास
Public
ओ मांझी रो
हम बेवफा हरगिज न थे
ये शाम मस्तानी
दिल हाय मेरा दिल, तेरा दिल, दिलं से दिल मिल गया
मीत न मिला मन का
ये शाम मस्तानी
हम बेवफा हरगिज न थे
Public
फिर वोही रात है
में हूं झम
ू झम
ू झम
ु रू
मैं हूँ झुम झुम झुम झुम झुमरू , फ़क्कड़ घुम बनके घुमरू
मैं ये प्यार का गीत सुनाता चला, मंज़िल पे मेरी नज़र, मैं दनि
ु या से बेखबर
बीती बातों पे धल
ू उड़ाता चला, मैं हूँ झम
ु झम
ु झम
ु झम
ु ...
मैं हूँ झुम झुम झुम झुम झुमरू, फ़क्कड़ घुम घुम बनके घुमरू
साथ में हमसफ़र न कोई कारवां, भोला भाला सीधा सादा
लेकिन दिल का हूँ शहज़ादा, है ये मेरी ज़मीं, ये मेरा आसमां
मैं हूँ झम
ु झम
ु झम
ु झम
ु झम
ु रू, फ़क्कड़ घम
ु घम
ु बनके घम
ु रू
प्यार सीने में है हर किसी के लिये, मुझको प्यारा हर इनसान, दिलवालों पे हूँ क़ुरबान
ज़िन्दगी है मेरी ज़िन्दगी के लिये
हम्म आ हा हा हे हे हे हम्म..
आनेवाला पल जानेवाला है - 2
हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो, पल जो ये जानेवाला है , हो हो
Public
एक बार यूँ मिली, मासम
ू सी कली || एक बार यूँ मिली, मासम
ू सी कली ||
हो खिलते हुए कहा, खश
ु बाश मैं चली || दे खा तो यहीं है , ढूंढा तो नहीं है ||
पल जो ये जानेवाला है , हो हो
एक बार वक्त से, लम्हा गिरा कहीं || एक बार वक्त से, लम्हा गिरा कहीं ||
वहाँ दास्ताँ मिली, लम्हा कहीं नहीं || थोडा सा हँसा के, थोडा सा रुला के ||
पल ये भी जानेवाला है , हो हो
Kumar Shanu
BalaSubramaniyam
Public
आते जाते , हस्ते गाते , मैने प्यार किया
Misclemeous
जहनाशी जहनशी
आज जाने की जिद न करो, A, E, EI, B, First sing by Habib wali and Farida
Khannun
जुगनी केहं दी आई
गुंचा कोई
पक
ु ारता चला हुं Cm
Public
जब दीप जले आना
कहा से आए बदरा
मना हो तम
ु बेहद हं सी
आओगे जब तम
ु ओ साजना
बड़ी लंबी जद
ु ाई
आई जंजीर की झंकार D, A, G
Hai Preet Jaha Ki Reet Sada
Bhajan
Public
कौन कहता है भगवान होते नही
तम
ु करुणा के सागर हो प्रभु
कृष्ण है श्रद्धा
अच्यत
ु म केशवम
जय नंदलाला जय गोपाला
सौन दा महिना ऐ
अम्बराँ च वाल कोई झाड दी हसीना ऐ, अम्बराँ च वाल कोई झाड दी हसीना ऐ
इक इक बूंद कोई मोती ते नगीना ऐ, भीजी भीजी सिली सिली पौन दा महिना ऐ
सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ, सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ
धरती दे मुखड़े नु धोन दा महिना ऐ, ते टिप टिप कोठे याँ दे चोण दा महिना ऐ
Public
टिप टिप कोठे याँ दे चोण दा महिना ऐ
कुले कुले फुल मुस्कान दा महिना ऐ, ते किसे उत्ते दिल आ जान दा महिना ऐ
किसे किसे उत्ते दिल आ जान दा महिना ऐ, ते रुस्से होए यारा नु मनौन दा महिना
ऐ
भरके रांझे नाल नक्को नक्की रांझेया नु, बड़ा ही है रान करे महिना एह ते गंजेया नु
बड़ा ही है रान करे महिना एह ते गंजेया न,ु बार-बार लौना पावे कोठे उत्तों मंजेया नु
भीजी भीजी सिली सिली पौन दा महिना ऐ, सौन दा महिना यारो, सौन दा महिना ऐ
-2
Public
फिर से एक बार मझ
ु े मेरी जवानी दे दे
अब्र हो, जाम हो, साक़ी हो मेरे पहलू में ,कोई तो शाम मुझे ऐसी सह
ु ानी दे दे , (अब्र =
बादल)
नशा आ जाए मझ
ु े तेरी जवानी की क़सम, तू अगर जाम में भर के मझ
ु े पानी दे दे
हर जवाँ दिल मेरे अफ़साने को दोहराता रहे , हश्र तक ख़त्म न हो ऐसी कहानी दे दे
-शादाब लाहौरी
मैं तो अब उकता गया हूँ क्या यही है कायनात, बस ये आईना हटा दे ज़िन्दगी ऐ
ज़िन्दगी
-ज़का सिद्दीक़ी
Miscseneous
Public
है प्रीत जहाँ की रीत सदा - लिरिक्स हिंदी में
Public
भारत का रहने
Public
खामोश रहूँ या मैं कह दँ ,ू या करलु में चप
ु के से यह स्वीकार
यही सच है शायद मैंने प्यार किया, हाँ हाँ तुम से मैंने प्यार किया.
आ जा आ जा..
मेरा दिल ये पुकारे आजा मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू
कहाँ
मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू
कहाँ
बस इतना मझ
ु े समझा जा
Public
आँधियाँ वो चलीं आशियां लट
ु गया प्यार का मस्
ु कुराता जहाँ लट
ु गया लट
ु गया
मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा
मँह
ु छुपा के मेरी ज़िंदगी रो रही रो रही
मँह
ु छुपा के मेरी ज़िंदगी रो रही
तेरी दनि
ु या से हम लेके चले तेरा ग़म
दम भर के लिए तो आजा
मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा है समा ऐसे में है तू
कहाँ मेरा दिल ये पक
ु ारे आजा
हद से गज़
ु र न जाऊँ मैं ऐसा न कीजिए
Public
पलकों को रास्तों में बिछाया न कीजिए
Public
ख़द
ु को जहाँ से आदमी छोटा दिखाई दे
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
स ग म ग धा नि धा म ग म नि धा मा गा मा प ग म रे
रे ग म प ग म रे सा नि रे सा प म ग नि सा
Public
कौन समझे यहाँ आवाज़ की गहराई को
Public
छोड़ चले नयनों को, किरणों के पाखी
साँझ ढले...
गंध भरी गन
ु गन
ु में , मगन हुई थी कलियाँ
जग
ु नू का पट ओढ़े , आयेगी रात अभी
आ आ आ
Public
जब दीप जले आना जब शाम ढले आना
ऩि रे गा रे गा मा ग रे स स ऩि
प प म रे ग स नि स ग प म प
आ आ आ आ
Public
नित सांझ सवेरे मिलते हैं
हा हा हा हा
कहाँ से आए बदरा हो
कहाँ से आए बदरा हो
कहाँ से आए बदरा हो
घल
ु ता जाए कजरा
कहाँ से आए बदरा हो
Public
बन बैठे आँसू की झालर, बन बैठे आँसू की झालर
कहाँ से आए बदरा हो
कहाँ से आए बदरा हो
अमत
ृ होठों तक आते ही
कहाँ से आए बदरा हो
घल
ु ता जाए कजरा
कहाँ से आए बदरा हो
प म प म प म प म
मा रे मा रे मा रे मा रे
प म प म प म प म
Public
मा रे मा रे मा रे मा रे
रोए मन है पगला
आ आ आ हा आ हा हा हा
Am खो गई G जाने कहां
Am सन
ु जा दिल की दास्तान
Am आहट तेरी सन
ु ती C हुं।। G खामोश नजारों Am से।।
Public
C तेरे लिए, C बैचेन है ।। F शोलो में G7 लिपटी C जवानी।।
Am सन
ु जा दिल की दास्तान Dm
(Verse 2 )
Am गल
ु जार उम्मीदों के C।।G सब हो गए वीराने Am l।
Am सन
ु जा Am दिल की दास्तां।।
हं हं हं हं हं हं
तेरे ख़यालों में खोई खोई चाँदनी || G और थोड़ी दे र में थक के लौट जाएगी
Public
दो एक पल और है यह समा सन
ु जा दिल की दास्तान
हं हं हं हं हं हं
हे जाती बहारे हैं || जाती बहारे हैं उठती जवाणियाँ || जाती बहारे हैं
एक बार चल दिए गर तझ
ु े पक
ु ारके ||लौटकर ना आएँगे क़ाफ़िलें बहार के
खुदा खैर करे D Major, A,G (Songwriters: Jan Nishar Akhtar / Khaiyyaam)
Public
आयी ज़ंजीर की झंकार ||खुदा खैर करे
खन
ू दिल का न छलक, जाए कही आँखों से
Public
रोज़ रोज़ आँखों तले - Roz Roz Aankhon Tale (Asha Bhosle, Amit Kumar)
Movie/Album: जीवा (1986), Music By: आर.डी.बर्मन, Lyrics By: गुलज़ार,
Original Scale Bb
Am G
रोज़ रोज़ आँखों तले, रोज़ रोज़ आँखों तले,
एक ही सपना चले G
G रात भर काजल जले, F आँख में C जिस तरह
E ख़्वाब का दिया जले C
Public
फिर वही रात है :Original Scale Eb/D#
D फिर वही A रात है
ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म
G फिर वही रात D है फिर A वही रात है ख्वाब की
हो Bm रात भर ख्वाब मैं G, G#7 दे खा करें गे F#m तुम्हे
फिर वही रात है , फिर वही रात है फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं, दे खा करें गे तम्
ु हे
फिर वही रात है
A मासूम सी D नींद मैं F जब कोई सपना A चले ||A हो हम को D बुला लेना F तुम पलकों के A पर्दे
तले
A हो ये रात है ख्वाब की F || ख्वाब की रात है F#m
फिर वही रात है D A G F#m D || फिर वही रात है , फिर वही रात है ख्वाब की
काँच के ख्वाब हैं आँखों में चुभ जायेंगे, || हो पलकों पे लेना इन्हें आँखों में रुक जायेंगे
हो ये रात है ख्वाब की ख्वाब की रात है
फिर वही रात है फिर वही रात है
फिर वही रात है ख्वाब की
हो रात भर ख्वाब मैं
दे खा करें गे तुम्हे , फिर वही रात है , रात है , रात है
Public
Song Title/ गाना: ज़हनसीब Zehnaseeb
Movie/ फिल्म: हँसी तो फँसी Hasee Toh Phasee (Year-2014)
Singer/ गायक: Chinmayi Sripada, Shekhar Ravjiyani
Music Director/ संगीतकार: विशाल-शेखर Vishal-Shekhar
Lyrics Writer/ गीतकार: अमित ाभ भट्टाचार्य Amitabh Bhattacharya
Star casts/अभिनीत किरदार: Sidharth Malhotra, Parineeti Chopra
D ज़हनसीब, G ज़हनसीब || Am तुझे चाहूँ C बे-तहााशा D ज़हनसीब
मेरे क़रीब, मेरे हबीब || तुझे चाहूँ बे-तहााशा ज़हनसीब
D तेरे संग बीते Am हर लम्हें पे, G हमको नाज़ है || D तेरे संग जो Am ना बीते
उसपे, G ऐतराज़ है
G इस क़दर हम दोनों का मिलना, E एक राज़ है ||
D हुआ अमीर, G दिल ग़रीब || Am तुझे चाहूँ C बे-तहााशा D ज़हनसीब
लेना-देना नहीं दुनिया से मेरा || बस तुझसे काम है
तेरी अँखियों के शहर में ||यारा सब इंतज़ाम है
ख़ु शि
यों का एक टुकड़ा मिले || या मिले ग़म की खुर चले
यारा तेरे मेरे खर्चे में || दोनों का ही एक दाम है
C होना लिखा था Bm यूँही, जो D हुआ || C या होते-होते Bm अभी || G अनजाने में हो D
गया
जो भी हुआ, हुआ अजीब || तुझे चाहूँ बे-तहााशा ज़हनसीब
ज़हनसीब, ज़हनसीब
तुझे चाहूँ बे-तहााशा, तुझे चाहूँ बे-तहााशा || ज़हनसीब
Public
भीगा भीगा है समा || ऐसे में है तू कहाँ || मेरा दिल ये पुकारे आजा || मेरे ग़म के सहारे आजा भीगा भीगा
है समा ऐसे में है तू कहाँ मेरा दिल ये पुकारे आजा
Am कोई जब C पछ
ू बैठेगा G ख़ामोशी F का सबब Am तम
ु से
कोई जब पछ
ू बैठेगा ख़ामोशी का सबब तम
ु से
G बहुत समझाना F चाहोगे Am मगर समझा ना C पाओगे
Am मैं उतना Dm याद आऊँगा G मुझे F जितना C भुलाओगे
G कभी F ख़ामोश बैठोगे Am कभी कुछ C गन
ु गन
ु ाओगे
कभी दनि
ु या मक
ु म्मल बन के आएगी निगाहों में ||
कभी दनि
ु या मुकम्मल बन के आएगी निगाहों में
कभी मेरे कमी दनि
ु या की हर इक शै में पाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गन
ु गन
ु ाओगे
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कहीं पर भी रहें हम तम
ु मह
ु ब्बत फिर मह
ु ब्बत है
कहीं पर भी रहें हम तुम मह
ु ब्बत फिर मह
ु ब्बत है
तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगे
तम्
ु हें हम याद आयेंगे हमें तम
ु याद आओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
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कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-मोहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मझ
ु को मनाने के लिये आ
रं जिश ही सही...
जैसे तम्
ु हें आते हैं ना आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ
रं जिश ही सही...
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ये चांद सा रोशन चेहरा
लता: जीने कि तम
ु से वजह मिल गई है
वहीं तम
ु मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दआ
ु आ रही थी
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तम
ु आ गए हो नरू आ गया हैं
वहीं आ रहे थे
तम
ु आ गये हो नरू आ गया हैं
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शायर कहे शायरी की क़सम नहीं, नहीं, नहीं…
मैंने पूछा चाँद से कि देखा है कहीं मेरे यार सा हसीं
चाँद ने कहा, चांदनी की क़सम नहीं, नहीं, नहीं..
मैंने पूछा चाँद से..
हम अपनी वफ़ा पे ना, इलज़ाम लेंगे ।।तुम्हे दिल दिया है तुम्हे जान भी दें गे आ
आ..
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चमकते हैं जब तक ये चाँद और तारे
एक दस
ू रा जब दे सदा होक दीवाना हमको आना पड़ेगा
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