हँसी
दिखावट
हँसी या हास्य मानव भावनाओं की अभिव्यक्ति की एक प्रक्रिया है। किसी भी मनुष्य को हँसी आ सकती है। परन्तु हँसी को कुछ लोग केवल मुस्कुराहट तक सीमित रखते हैं, कुछ लोग मुस्कुराने के साथ-साथ मुँह भी खोलते हैं और कम से कम उनके आगे दाँत भी दिखाई पड़ते हैं। हँसी मामूली और औपचारिक हो सकती है जिसमें चेहरा ज़्यादा हिलता नहीं तो कभी लोग सर और शरीर हिला-हिलाकर हँसते हैं। बहुत ज़्यादा हँसने और देर तक हँसने को कहकहा कहते हैं।
आम धारणा के विपरीत, ज्यादातर हँसी चुटकुलों या ऐसे अन्य हास्यपद कारणों से नहीं आती।[1]
मनुष्य विभिन्न कारणों से हँस सकता है। उनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- खुशी
- सफलता का एहसास
- शर्माना
- किसी चुटकुले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना
- दूसरों की भूल-चूक या उन लोगों की मूर्खता पर हँसना
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- हँसी से मृत्यु
- दुष्टता से भरी हँसी
- हास्य-शास्त्र
- जानवरों में हँसी
- हास्य योगा
- घबराने वाली हँसी
- मिथ्याभास-संबंधी हँसी
- बेक़ाबू हँसी
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Why We Laugh". मूल से 13 सितंबर 2018 को पुरालेखित.