From the sound of Shiva’s Damru, the Sanskrit language was born.
From the sound of Shiva’s Damru, the Sanskrit language was born. भगवान शिव के डमरु के नाद से सृष्टि का जन्म हुआ भगवान शिव के डमरु के नाद से सृष्टि का जन्म हुआ। चौदह दिव्य ध्वनियों से निकले महेश्वर सूत्र... और उन्हीं से उत्पन्न हुई अमर संस्कृत भाषा — ब्रह्मांड की वाणी, आत्मा का व्याकरण। शिव का डमरु केवल नाद नहीं, वह स्वयं समय है — अनंत और निरंतर। महर्षि पाणिनी ने इन सूत्रों को साधना द्वारा ग्रहण किया और संस्कृत व्याकरण का निर्माण किया। शब्दों के पीछे की मौन ध्वनि, ध्वनियों के बीच का शून्य, और काल के प्रवाह का सनातन साक्षी — शिव ही हैं
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