Kabir Kori Hindi Quote

46 Pins
·
1 Section
·
1mo
नींद आ रही है ख्याल सोने नहीं दे रहे
नींद आ रही है ख्याल सोने नहीं दे रहे हैं क्या करें? उसके साथ हम अपना एक छोटा सा आशियाना बना रहे हैं पर वह साथ है नहीं क्या करें? हाथों पर अभी उसके हाथों का एहसास है पर अब हाथ खाली है क्या करें? अभी भी उसकी गर्म सांसे गरदन के पास है पर अब ठंडी सी चुभन है क्या करें? उसके कमीज की खुशबू मेरे कपड़ों से आती है पर अब गले लगाने को कोई नहीं है क्या करें? तेरी आंखों से देखी थी यह दुनिया अब तू नहीं तो रोशनी में भी अंधेरा है क्या करें? तुझे मेरे दर्द का एहसास नहीं और मैं तुझे अपना दर्द बना कर बैठा हूं क्या करूं समझ नहीं आता? नींद आ रही है ख्याल सोने नहीं दे रहे हैं क्या करें?
Kabir kori
एक दिन यह एहसास हुआ था कि जैसे तूने मेरी बातों के पीछे मुझे देख लिया है। फिर मुझे पता चला कि तेरी आंखों से बचना है बातें तो मैं कभी भी बदल सकता हूं। बातों को बदलने की भी जरूरत है नहीं मुझे क्योंकि तू शब्दों के बीच में भी पढ़ने जानती है।
Kabir kori
हर दिन मैं खुद को खो देता हूं, हर दिन में खुद को पा लेता हूं, और यह सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। मैं चाहता हूं कि दोनों में से कोई एक रुक जाए, ताकि मैं उसे ही अपनी हकीकत मानकर चैन की सांस ले सकूं।
This may contain: a black background with the words kahe kabir sujot bhat sadhu
0:05
kabir kori
This may contain: an eye is shown in the middle of a poem on paper with words written below it
0:24
kabir kori
This may contain: an image of the eye of horusha on a white paper with black writing
0:39
kabir kori