एक दंपत्ति ने एक अवकाश गृह किराए पर लिया है जिस पर इसे बनाने वाले वास्तुकार और उसकी दो पत्नियों, साथ ही उनके विक्षिप्त, जीवित बेटे की आत्माएं सताती हैं।एक दंपत्ति ने एक अवकाश गृह किराए पर लिया है जिस पर इसे बनाने वाले वास्तुकार और उसकी दो पत्नियों, साथ ही उनके विक्षिप्त, जीवित बेटे की आत्माएं सताती हैं।एक दंपत्ति ने एक अवकाश गृह किराए पर लिया है जिस पर इसे बनाने वाले वास्तुकार और उसकी दो पत्नियों, साथ ही उनके विक्षिप्त, जीवित बेटे की आत्माएं सताती हैं।