मज़ा तब आता है जब शर्मा परिवार का एक सदस्य जीवन और मृत्यु के बीच होता है जब देश भर के उनके रिश्तेदारों ने मुंबई में डेरा डाल दिया, इस इंतज़ार में जो होने वाला था, मगर लगता था उसमें कुछ देरी ... सभी पढ़ेंमज़ा तब आता है जब शर्मा परिवार का एक सदस्य जीवन और मृत्यु के बीच होता है जब देश भर के उनके रिश्तेदारों ने मुंबई में डेरा डाल दिया, इस इंतज़ार में जो होने वाला था, मगर लगता था उसमें कुछ देरी थी, पता नहीं कब तक.मज़ा तब आता है जब शर्मा परिवार का एक सदस्य जीवन और मृत्यु के बीच होता है जब देश भर के उनके रिश्तेदारों ने मुंबई में डेरा डाल दिया, इस इंतज़ार में जो होने वाला था, मगर लगता था उसमें कुछ देरी थी, पता नहीं कब तक.