एक युवा लड़की, चकोर, जिसे पैदाइश से पहले जमानत के तौर पर रखा गया था, वह एक एथलीट बनने का सपना देखती है. वह अपने गांव में बंधुआ मजदूरी की व्यवस्था के खिलाफ़ आवाज भी उठाती है.एक युवा लड़की, चकोर, जिसे पैदाइश से पहले जमानत के तौर पर रखा गया था, वह एक एथलीट बनने का सपना देखती है. वह अपने गांव में बंधुआ मजदूरी की व्यवस्था के खिलाफ़ आवाज भी उठाती है.एक युवा लड़की, चकोर, जिसे पैदाइश से पहले जमानत के तौर पर रखा गया था, वह एक एथलीट बनने का सपना देखती है. वह अपने गांव में बंधुआ मजदूरी की व्यवस्था के खिलाफ़ आवाज भी उठाती है.