पुलिसकर्मी के बेटे दिवाकर को बचपन से ही जासूस बनने की ख्वाहिश है. कॉन्स्टेबल बनने के बाद उसे एक डकैती को सुलझाने के लिए जासूस बनने का मौका मिलता है.पुलिसकर्मी के बेटे दिवाकर को बचपन से ही जासूस बनने की ख्वाहिश है. कॉन्स्टेबल बनने के बाद उसे एक डकैती को सुलझाने के लिए जासूस बनने का मौका मिलता है.पुलिसकर्मी के बेटे दिवाकर को बचपन से ही जासूस बनने की ख्वाहिश है. कॉन्स्टेबल बनने के बाद उसे एक डकैती को सुलझाने के लिए जासूस बनने का मौका मिलता है.