एक प्रशिक्षित कुचिपुड़ी नर्तक बालकृष्ण को शास्त्रीय नृत्य समारोह में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है. लेकिन उसके प्रदर्शन से दो दिन पहले ही उसकी मां गुजर जाती है.एक प्रशिक्षित कुचिपुड़ी नर्तक बालकृष्ण को शास्त्रीय नृत्य समारोह में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है. लेकिन उसके प्रदर्शन से दो दिन पहले ही उसकी मां गुजर जाती है.एक प्रशिक्षित कुचिपुड़ी नर्तक बालकृष्ण को शास्त्रीय नृत्य समारोह में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है. लेकिन उसके प्रदर्शन से दो दिन पहले ही उसकी मां गुजर जाती है.