दुखद रूप से रिश्ता टूटने के बाद, एक युवक उपवास के चालीस दिनों के दौरान ब्रह्मचारी रहने की कसम खाता है, लेकिन अपने ख्वाबों की लड़की से मिलने के बाद भी इसके बारे में कुछ भी नहीं कर पता है।दुखद रूप से रिश्ता टूटने के बाद, एक युवक उपवास के चालीस दिनों के दौरान ब्रह्मचारी रहने की कसम खाता है, लेकिन अपने ख्वाबों की लड़की से मिलने के बाद भी इसके बारे में कुछ भी नहीं कर पता है।दुखद रूप से रिश्ता टूटने के बाद, एक युवक उपवास के चालीस दिनों के दौरान ब्रह्मचारी रहने की कसम खाता है, लेकिन अपने ख्वाबों की लड़की से मिलने के बाद भी इसके बारे में कुछ भी नहीं कर पता है।