एक उत्तराधिकारिणी गलती से अपने चाचा को आत्मरक्षा में मार देती है और उसकी लाश को ठिकाने लगा देती है, लेकिन बाद में उसकी प्रेतात्मा का पीछा करती है.एक उत्तराधिकारिणी गलती से अपने चाचा को आत्मरक्षा में मार देती है और उसकी लाश को ठिकाने लगा देती है, लेकिन बाद में उसकी प्रेतात्मा का पीछा करती है.एक उत्तराधिकारिणी गलती से अपने चाचा को आत्मरक्षा में मार देती है और उसकी लाश को ठिकाने लगा देती है, लेकिन बाद में उसकी प्रेतात्मा का पीछा करती है.