शेखर और नंदिनी का अपने पुश्तैनी घर जाने का फैसला एक खतरनाक मोड़ तब ले लेता है जब वे एक सामंती गिरोह युद्ध में खुद को उलझा हुआ पाते हैं.शेखर और नंदिनी का अपने पुश्तैनी घर जाने का फैसला एक खतरनाक मोड़ तब ले लेता है जब वे एक सामंती गिरोह युद्ध में खुद को उलझा हुआ पाते हैं.शेखर और नंदिनी का अपने पुश्तैनी घर जाने का फैसला एक खतरनाक मोड़ तब ले लेता है जब वे एक सामंती गिरोह युद्ध में खुद को उलझा हुआ पाते हैं.