एक परिवार पूर्व में संस्थागत किशोर अपनी शरण में लेता है जो क्रोध, आनंद और प्रेम जैसे मानक मानवीय व्यवहारों को खो चुका है.एक परिवार पूर्व में संस्थागत किशोर अपनी शरण में लेता है जो क्रोध, आनंद और प्रेम जैसे मानक मानवीय व्यवहारों को खो चुका है.एक परिवार पूर्व में संस्थागत किशोर अपनी शरण में लेता है जो क्रोध, आनंद और प्रेम जैसे मानक मानवीय व्यवहारों को खो चुका है.