एक 65 वर्षीय प्रसिद्ध लेखक लक्ष्मीनारायण अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा करते हैं. अधूरे कामों को पूरा करते समय उनकी मुलाकात प्रकृति से होती है जो उनकी साथी बन जाती है. यह कहानी मालगुडी डेज़ और ल... सभी पढ़ेंएक 65 वर्षीय प्रसिद्ध लेखक लक्ष्मीनारायण अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा करते हैं. अधूरे कामों को पूरा करते समय उनकी मुलाकात प्रकृति से होती है जो उनकी साथी बन जाती है. यह कहानी मालगुडी डेज़ और लक्ष्मीनारायण के प्रेरक संबंध को दर्शाती है.एक 65 वर्षीय प्रसिद्ध लेखक लक्ष्मीनारायण अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा करते हैं. अधूरे कामों को पूरा करते समय उनकी मुलाकात प्रकृति से होती है जो उनकी साथी बन जाती है. यह कहानी मालगुडी डेज़ और लक्ष्मीनारायण के प्रेरक संबंध को दर्शाती है.