नंदू, एक फाइनेंसर, अपने नश्वर प्रतिद्वंद्वी की तलाश करते हुए अपने आंतरिक अपराध बोध के संघर्ष से गुजरता है. अब देखना होगा कि क्या नंदू सफल हो पाएगा.नंदू, एक फाइनेंसर, अपने नश्वर प्रतिद्वंद्वी की तलाश करते हुए अपने आंतरिक अपराध बोध के संघर्ष से गुजरता है. अब देखना होगा कि क्या नंदू सफल हो पाएगा.नंदू, एक फाइनेंसर, अपने नश्वर प्रतिद्वंद्वी की तलाश करते हुए अपने आंतरिक अपराध बोध के संघर्ष से गुजरता है. अब देखना होगा कि क्या नंदू सफल हो पाएगा.