यह एक सामाजिक राजनीतिक व्यंग्य है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि कैसे गांव के कुछ सांप्रदायिक समूहों के कृत्यों से गांव के युवा, वावा का सामान्य जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.यह एक सामाजिक राजनीतिक व्यंग्य है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि कैसे गांव के कुछ सांप्रदायिक समूहों के कृत्यों से गांव के युवा, वावा का सामान्य जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.यह एक सामाजिक राजनीतिक व्यंग्य है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि कैसे गांव के कुछ सांप्रदायिक समूहों के कृत्यों से गांव के युवा, वावा का सामान्य जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है.