एक हाथ में प्रार्थना की माला और दूसरे में एक कुल्हाड़ी के साथ, एक साधु एक सहस्राब्दी पुरानी आत्मा का शिकार करता है जो मनुष्यों पर वश करके पृथ्वी पर देहशत फैला रहा है.एक हाथ में प्रार्थना की माला और दूसरे में एक कुल्हाड़ी के साथ, एक साधु एक सहस्राब्दी पुरानी आत्मा का शिकार करता है जो मनुष्यों पर वश करके पृथ्वी पर देहशत फैला रहा है.एक हाथ में प्रार्थना की माला और दूसरे में एक कुल्हाड़ी के साथ, एक साधु एक सहस्राब्दी पुरानी आत्मा का शिकार करता है जो मनुष्यों पर वश करके पृथ्वी पर देहशत फैला रहा है.