दुर्व्यवहार से बचने के लिए पारो की मां ने उसकी शादी कराने का फैसला करती है. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि शादी सिर्फ एक औपचारिकता थी. पारो इससे बचने की कोशिश करती है लेकिन एक वेश... सभी पढ़ेंदुर्व्यवहार से बचने के लिए पारो की मां ने उसकी शादी कराने का फैसला करती है. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि शादी सिर्फ एक औपचारिकता थी. पारो इससे बचने की कोशिश करती है लेकिन एक वेश्यालय पहुंच जाती है.दुर्व्यवहार से बचने के लिए पारो की मां ने उसकी शादी कराने का फैसला करती है. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि शादी सिर्फ एक औपचारिकता थी. पारो इससे बचने की कोशिश करती है लेकिन एक वेश्यालय पहुंच जाती है.