विजयवाड़ा के एक 25 वर्षीय आकांक्षी लेखक पद्मभूषण और उनका मध्यवर्गीय परिवार हमें एक रोलर कोस्टर की सवारी पर ले जाता है, जो सहज आनंद और कोमल भावनाओं से भरा है.विजयवाड़ा के एक 25 वर्षीय आकांक्षी लेखक पद्मभूषण और उनका मध्यवर्गीय परिवार हमें एक रोलर कोस्टर की सवारी पर ले जाता है, जो सहज आनंद और कोमल भावनाओं से भरा है.विजयवाड़ा के एक 25 वर्षीय आकांक्षी लेखक पद्मभूषण और उनका मध्यवर्गीय परिवार हमें एक रोलर कोस्टर की सवारी पर ले जाता है, जो सहज आनंद और कोमल भावनाओं से भरा है.