मध्यवर्गीय महाराष्ट्रियन, दिनकर मारुति भोसले, खुद को अनदेखा और पीड़ित पाता है. लेकिन जब उसे शिवाजी महाराज दिखाई देते हैं, तब वह वापस लड़ने के लिए प्रेरित हो जाता है.मध्यवर्गीय महाराष्ट्रियन, दिनकर मारुति भोसले, खुद को अनदेखा और पीड़ित पाता है. लेकिन जब उसे शिवाजी महाराज दिखाई देते हैं, तब वह वापस लड़ने के लिए प्रेरित हो जाता है.मध्यवर्गीय महाराष्ट्रियन, दिनकर मारुति भोसले, खुद को अनदेखा और पीड़ित पाता है. लेकिन जब उसे शिवाजी महाराज दिखाई देते हैं, तब वह वापस लड़ने के लिए प्रेरित हो जाता है.