एक जोड़ा गलती से किशोर माता-पिता बन जाते हैं लेकिन परिस्थितियां उन्हें अलग कर देती है. मणिकंदन, अपने बेटे के साथ अकेले संघर्ष करता है. भाग्य उसका मालिक है, सिंधु को उसके जीवन में वापस लाता ह... सभी पढ़ेंएक जोड़ा गलती से किशोर माता-पिता बन जाते हैं लेकिन परिस्थितियां उन्हें अलग कर देती है. मणिकंदन, अपने बेटे के साथ अकेले संघर्ष करता है. भाग्य उसका मालिक है, सिंधु को उसके जीवन में वापस लाता है.एक जोड़ा गलती से किशोर माता-पिता बन जाते हैं लेकिन परिस्थितियां उन्हें अलग कर देती है. मणिकंदन, अपने बेटे के साथ अकेले संघर्ष करता है. भाग्य उसका मालिक है, सिंधु को उसके जीवन में वापस लाता है.