अपने पिता के छोड़े जाने के बाद, सुर्या को एक व्यापारी अपने बेटे की तरह पालता है. वर्षों बाद्, सुर्या अपने आप को बदलकर बॉस बन जाता है जो समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए लड़ता है.अपने पिता के छोड़े जाने के बाद, सुर्या को एक व्यापारी अपने बेटे की तरह पालता है. वर्षों बाद्, सुर्या अपने आप को बदलकर बॉस बन जाता है जो समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए लड़ता है.अपने पिता के छोड़े जाने के बाद, सुर्या को एक व्यापारी अपने बेटे की तरह पालता है. वर्षों बाद्, सुर्या अपने आप को बदलकर बॉस बन जाता है जो समाज के वंचित वर्गों के लोगों के लिए लड़ता है.