एक बंद पुलिस स्टेशन की आखिरी रात में एक नौसिखिए सिपाही की पहली शिफ्ट अकेले एक जीवित दुःस्वप्न में बदल जाती है.एक बंद पुलिस स्टेशन की आखिरी रात में एक नौसिखिए सिपाही की पहली शिफ्ट अकेले एक जीवित दुःस्वप्न में बदल जाती है.एक बंद पुलिस स्टेशन की आखिरी रात में एक नौसिखिए सिपाही की पहली शिफ्ट अकेले एक जीवित दुःस्वप्न में बदल जाती है.