एक महिला पितृसत्तात्मक समाज की मजबूत बाधाओं पर काबू पाने वाले समाज की भलाई के लिए अपने खोए हुए करिश्मे को फिर से खोज लेती है.एक महिला पितृसत्तात्मक समाज की मजबूत बाधाओं पर काबू पाने वाले समाज की भलाई के लिए अपने खोए हुए करिश्मे को फिर से खोज लेती है.एक महिला पितृसत्तात्मक समाज की मजबूत बाधाओं पर काबू पाने वाले समाज की भलाई के लिए अपने खोए हुए करिश्मे को फिर से खोज लेती है.