जिंदगी के सवालो मे उलझी हुं ।
अभी थोड़ा और सुलझना बाकी है।
जिंदगी तु थोड़ासा समेटने दे पलकों ।
जिसका हिसाब करना अभी बाकी है।-
Vaishu
(Vaishu)
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Joined 19 April 2021
30 JUN 2022 AT 10:11
18 MAY 2021 AT 16:11
जहां से लोटने का कोई रास्ता नही होता...
कितनी भी ख्वाईशे अधुरी क्युं ना हो
वहांसे लोटने का दुसरा मौका नही होता....-
17 MAY 2021 AT 22:50
तुने जितना भी दिया ऊतना भी कुछ कम नही....
फिलहाल कुछ हिसाब बाकी है तुझसे
लेकिन हमने ईतने मे गुजारा करना सिख लिया....-
16 MAY 2021 AT 15:05
सभी कारवा अभी रुका पडा है!
थोडा सुकून कहा मिलेगा
इसकी खोज मे सारा जहां खडा है!-
12 MAY 2021 AT 13:06
तु आजमाले हमे तेरे हर एक अंदाज से
तेरे हर आरजुपे खरे ऊतरेंगे हम
जो ना करसके तेरी आरजु पुरी
तो मौत को अपना बना लेंगे हम-
11 MAY 2021 AT 15:59
मनात आलं सहज.....
तुझा मिठीत अलगद बीलगावं
व या सार्या जगाला परकं करावं
बंद करावे डोळे मिठीत आणि
आपसूकच तुझ होऊन जावं-