आधे अधूरे (नाटक)
आधे अधूरे (नाटक) | |
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[[चित्र:|]] | |
लेखक | मोहन राकेश |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
विषय | साहित्य - नाटक |
प्रकाशन तिथि | 1969 |
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ | 978-8183618564 |
आधे अधूरे मोहन राकेश द्वारा लिखित हिंदी का प्रसिद्ध नाटक है। यह मध्यवर्गीय जीवन पर आधारित नाटक है। इसमें तीन स्त्री पात्र हैं तथा पाँच पुरुष पात्र। इनमें से चार पुरुषों की भूमिका एक ही पुरुष पात्र निभाता है। हिंदी नाटक में यह अलग ढंग का प्रयोग है। इस नाटक का प्रकाशन १९६९ ई. में हुआ था। यह पूर्णता की तलाश का नाटक है। इस नाटक को मिल का पत्थर भी कहा जाता है। यह नाटक हमारे बरतमान जीवन से संबंधित है
कथानक
[संपादित करें]नाटक में कहानी एक परिवार के इर्द गिर्द घूमती नज़र आती है जिसमें सावित्री जो कि काम काजी औरत की भूमिका में नज़र आती है उसका पति महेंद्रनाथ जो कि बहुत दिन से काम काज नहीं कर रहा और बहुत दिन से यू ही निठल्ला पड़ा रहता है बस अपनी कमाई से घर का कुछ सामान खरीद के बहुत दिन बैठा है , घर की बड़ी लड़की बिन्नी है जो शादी शुदा है जिसने मनोज के साथ भाग कर शादी कर ली थी , छोटी लड़की किन्नी है और घर का सब से आलसी पुरुष अशोक-घर का लड़का ।
सावित्री:- एक कामकाजी मध्यवर्गीय शहरी स्त्री
- काले कपड़ों वाला पुरुष चार रूपों में १-महेंद्रनाथ(सावित्री का पति),२-सिंघानिया(सावित्री का बॉस),३-जगमोहन,४-जुनेजा
- बिन्नी :- सावित्री की बड़ी बेटीअगला
- अशोक:- सावित्री का बेटा
- किन्नी:- सावित्री की छोटी बेटी
- मनोज:- बिन्नी का पति (मात्र संवादों में उल्लेखनीय)
विशेषताएं
[संपादित करें]इस नाटक में मध्यवर्गीय परिवार के वैवाहिक जीवन की विडंबनाओं का चित्रण किया गया है।[1] इसमें परिवार का प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने ढंग के संत्रास का भोग करता है। यह आम बोलचाल की भाषा में लिखा गया नाटक है। जो वैवाहिक जीवन की समस्याओं का चित्रण करता है
मंचन
[संपादित करें]आधे अधूरे' नाटक का पहला मंचन दिल्ली में 'दिशान्तर' द्वारा ओम शिवपुरी के निर्देशन में फ़रवरी, 1969 में हुआ। नाटक के प्रस्तुतिकरण में निम्नलिखित कलाकारों ने निम्न पात्रों की भूमिका निभाई-
- काले सूट वाला आदमी - ओम शिवपुरी
- स्त्री - सुधा शिवपुरी
- पुरुष-एक - ओम शिवपुरी
- बड़ी-लड़की - अनुराधा कपूर
- छोटी लड़की - ऋचा व्यास
- लड़का - दिनेश ठाकुर
- पुरुष-दो - ओम शिवपुरी
- पुरुष-तीन - ओम शिवपुरी
- पुरुष-चार - ओम शिवपुरी
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ सं. डॉ. नगेन्द्र (2016). हिंदी साहित्य का इतिहास. नई दिल्ली: मयूर पेपरबैक्स.
बाहरी कड़ियाँ
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