यह एक छात्र नेता, मुक्केबाज़ और स्वर्ण पदक विजेता की बायोपिक है जिसने 1962 और 1972 के बीच उस्मानिया विश्वविद्यालय में आंध्र प्रदेश की राजनीति को प्रभावित किया था. उन्होंने अपनी हत्या से पहले... सभी पढ़ेंयह एक छात्र नेता, मुक्केबाज़ और स्वर्ण पदक विजेता की बायोपिक है जिसने 1962 और 1972 के बीच उस्मानिया विश्वविद्यालय में आंध्र प्रदेश की राजनीति को प्रभावित किया था. उन्होंने अपनी हत्या से पहले तक क्रांतिकारी विचारों को प्रेरित किया था.यह एक छात्र नेता, मुक्केबाज़ और स्वर्ण पदक विजेता की बायोपिक है जिसने 1962 और 1972 के बीच उस्मानिया विश्वविद्यालय में आंध्र प्रदेश की राजनीति को प्रभावित किया था. उन्होंने अपनी हत्या से पहले तक क्रांतिकारी विचारों को प्रेरित किया था.