यह फ़िल्म एक प्रयोगात्मक फोटोग्राफर, एक बीमार भिक्षु और एक युवा स्टॉकब्रोकर द्वारा पहचान, न्याय, सौंदर्य, अर्थ और मृत्यु के सवालों की खोज़ करती है.यह फ़िल्म एक प्रयोगात्मक फोटोग्राफर, एक बीमार भिक्षु और एक युवा स्टॉकब्रोकर द्वारा पहचान, न्याय, सौंदर्य, अर्थ और मृत्यु के सवालों की खोज़ करती है.यह फ़िल्म एक प्रयोगात्मक फोटोग्राफर, एक बीमार भिक्षु और एक युवा स्टॉकब्रोकर द्वारा पहचान, न्याय, सौंदर्य, अर्थ और मृत्यु के सवालों की खोज़ करती है.